मुंबई: दादा साहेब फाल्के पुरस्कार विजेता अभिनेता मनोज कुमार ने आश्चर्य जताया कि भारतीय फिल्म बिरादरी ऑस्कर के लिए इतनी लालायित क्यों है. उनका मानना है कि इसके बदले भारत में ऐसी संस्था की स्थापना की जानी चाहिए, जिससे हॉलीवुड आकर्षित हो. पद्मश्री और दादा फाल्के पुरस्कार से सम्मानित मनोज कुमार ने कहा, 'हमें अपने देश में ऐसे पुरस्कार की स्थापना करनी चाहिए, जिसे पाने की लालसा हॉलीवुड अभिनेताओं को हो.'

इस साल राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता वेत्रिमारन की समक्षीकों द्वारा प्रशंसित फिल्म 'विसारानाई' को ऑस्कर 2017 के लिए विदेशी भाषा फिल्म श्रेणी में भारत की ओर से नामित किया गया है. 'सलाम बॉम्बे', 'मदर इंडिया', 'लगान' और 'वन्स अपॉन ए टाइम इन इंडिया' ही ऐसी भारतीय फिल्में हैं जिन्होंने ऑस्कर में विदेशी भाषा फिल्म श्रेणी के टॉप फाइव में जगह बना पाई हैं.

मनोज कुमार इस समय गोवा में आयोजित होने वाली भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में हिस्सा लेने के लिए उत्साहित हैं, जहां उनकी फिल्में 'शहीद', 'गुमनाम', 'शोर', 'क्रांति' और 'पूरब और पश्चिम' दिखाई जाएंगी. 47वां आईएफएफआई 20 से 28 नवंबर तक आयोजित की जाएगी. मनोज कुमार करण जौहर की फिल्म 'ऐ दिल है मुश्किल' देखने के लिए उत्सुक हैं.

79 वर्षीय अभिनेता ने कहा, 'फिल्में हमेशा मेरा जुनून रही हैं. मैं हर तरह की फिल्में देखने का आनंद लेता हूं. करण जौहर बहुत मेहनती हैं. मैं उनकी फिल्म 'ऐ दिल है मुश्किल' देखूंगा.'