सुलतानपुर। विद्युत विभाग के कर्मचारी की लापरवाही का शिकार हुआ संविदा लाईन मैन रंजीत कुमार आखिरकार मौत से हार गया और आईसीयू में उसकी मृत्यु हो गयी। संविदा लाईनमैन की मृत्यु की सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। मृतक की पत्नी संध्या तिवारी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है दो बच्चे क्रमशः वरूण उम्र 5 वर्ष शनि उम्र दो वर्ष पापा-पापा कहकर विलख रहे है।
थाना बल्दीराय के ग्राम विसुहिया निवासी राम उजागिर तिवारी के तीन पुत्रों बाबूलाल, रंजीत, विनोद में रंजीत बिजली का मैकेनिक था अन्य दो पुत्र घर खेती बारी का कार्य देखते थे। रंजीत घर का खर्चा चलाने के उद्देश्य से विद्युत उपकेन्द्र बल्दीराय पर कार्यरत विभागीय लाईनमैन संदीप मौर्य के साथ क्षेत्र की विद्युत समस्याओं को दुरूस्त करता था। बीते सप्ताह विभाग का उक्त संविदा कर्मचारी रंजीत को ट्रासफार्मर का तार जोड़ने के लिए बुलाकर ले गया था अचानक सप्लाई दे दिये जाने से रंजीत विद्युत चपेट में आ गया और बुरी तरह झुलस गया था जो सात दिनों से आईसीयू में रहकर जीवन और मौत से संघर्ष कर रहा था आखिरकार वह मौत से हार गया और उसकी मृत्यु हो गई। रंजीत की मौत की सूचना मिलते ही गाॅव में कोहराम मच गया परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। मृतक की पत्नी संध्या अपना सुहाग उजड़ जाने से चित अवस्था मे ंपड़ी है। दो बच्चों के सिर से पिता का साया उठ जाने से बच्चों की करूण कन्दन आवाज सुनकर वहां पहुंचने वाले हर सख्स की आखों में आॅसू टपक रहे है। लोग पत्नी व दोनों बच्चों तथा पिता भाई की ढांढंस बधा रहे है। विद्युत विभाग के कर्मचारी लापरवाही के कारण आज संध्या का सुहाग उजड़ गया उसके दो बच्चे अनाथ हो गये। परन्तु विभागीय अधिकारी संध्या के घाव पर मरहम लगाने उसके घर तक ही नहीं गये। संविदा लाईनमैन रंजीत कुमार का शव गाॅव पहुंचते ही ग्रामीण उत्तेजित हो गये और शव गाड़ी को मुसाफिरखाना, देवरा मार्ग पर रोककर जाम लगा दिया। ग्रामीण मृतक को सरकारी सहायता दिलाए जाने की मांगकर रहे थे उपजिलाधिकारी चन्द्रशेखर मिश्रा के आश्वासन के बाद जाम हटाया गया। ग्रामीणों ने मांग की कि दोषी विभागीय लाईनमैन संदीप मौर्या के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया जाय।

विद्युत उपकेन्द्र बल्दीराय पर सरकारी विभागीय लाईनमैन के कार्यरत रहते हुए भी सारा कार्यरत रहते हुए भी सारा कार्य प्राइवेट लाईनमैनों से ही करवाया जाता है। विभाग के लाईनमैन प्राइवेट बेरोजगार युवकों को पैसे का लालच देकर उन्हें मौत के मुॅह में धकेल कर अनहोनी घटना से मॅुह मोड़ लेते है। इस बार संध्या का सुहाग उजड़ा इसके पूर्व भी विभाग के कर्मचारी की लापरवाही के कारण ही कई औरतों का सुहाग उजड़ गया है उनके बच्चों अनाथ होकर आज भुखमरी के कगार पर पहुंच गए है। जहां एक तरफ प्रदेश सरकार अन्य मौतों पर पानी की तरह पैसा बहाकर मृतक के परिजनों को आर्थिक मदद दे रही है वहीं विद्युत विभाग के कर्मचारियों से कन्धों से कन्धा मिलाकर चैबीस घंटे विभागीय कार्य करने वाले ऐसे लाईनमैनों की मौत पर जरा सी सहानुभूति नहीं मिल पा रही है। विद्युत विभाग के अधिकारी अपने कर्मचारियों की लापरवाही मनाने को तैयार ही नहीं है। जिससे आये दिन ऐसे कर्मचारी की लापरवाही से प्राइवेट लाईनमैनों की मौत हो रही है।