राज्यपाल ने कुलपतियों का किया आह्वान

लखनऊः प्रदेश के राज्यपाल ने कुलपतियों का आह्वान किया है कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों में नकल विहीन परीक्षा प्रणाली लागू करें तथा परीक्षा परिणाम समय से निकालें ताकि उच्च शिक्षा में सकारात्मक परिणाम सामने आ सकें। उन्होंने कहा कि छात्रों की संख्या निश्चित रूप से अधिक है परन्तु परीक्षा प्रणाली एवं मूल्यांकन प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता है। राज्यपाल विश्वविद्यालयों की परीक्षा प्रणाली एवं मूल्यांकन प्रक्रिया में सुधार के लिए राजभवन में कुलपतियों के साथ बैठक कर रहे थे।

उच्च शिक्षा की वर्तमान स्थिति एवं इसकी गुणवत्ता में अभिवृद्धि के प्रति समय-समय पर राज्यपाल द्वारा निरन्तर चिन्ता एवं अभिमत प्रकट किये जाते रहे हैं। अन्य बिन्दुओं के अलावा विशेष रूप से छात्र समुदाय द्वारा उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन ठीक से न होने की ओर राज्यपाल का ध्यान आकर्षित कराया गया है एवं बार-बार पुनर्मल्यांकन के लिए अनुरोध किया जाता है। वर्तमान व्यवस्था में पुनर्मूल्यांकन का प्राविधान न होने के कारण प्रत्यावेदनों के समुचित निवारण की काई कार्यवाही नहीं हो पाती है। हालांकि डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ एवं छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर में Challenge Evaluation की व्यवस्था का प्राविधान किया गया है किन्तु अन्य विश्वविद्यालयों में भी इस पर विचार किये जाने की आवश्यकता है।
राज्य विश्वविद्यालयों में छात्रों की अत्यधिक संख्या होने के कारण सफलतापूर्वक नकल विहीन वातावरण में परीक्षाओं का ससमय सम्पादन कराना एवं उसके बाद इतनी बड़ी संख्या में उत्तर पुस्तिकाओं का ठीक से मूल्यांकन कराकर परीक्षा परिणाम सीमित अवधि में समय से घोषित करना ही एक बड़ी चुनौती होती है।
इस स्थिति को संज्ञान में लेते हुए प्रथम कुलपति एवं कुलसचिवगण के आयोजित सम्मेलन में इस पर विचार-विमर्श किया गया था जिसमें विचारोपरान्त सम्पूर्ण परीक्षा प्रणाली की समीक्षा कर मूल्यांकन व्यवस्था को सुदृढ़ीकरण करने के निमित्त सुझाव उपलब्ध कराने हेतु एक समिति का गठन किये जाने का निर्णय लिया गया था। प्रयोजन हेतु गठित समिति छात्रों की संख्या एवं विद्यमान समस्याओं के दृष्टिगत राज्य के मुख्य दो विश्वविद्यालयों डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा एवं छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के कुलपति क्रमशः प्रो0 मुजम्मिल एवं प्रो0 जे0वी0 वैशम्पायन को इस कार्य का दायित्व सौंपा गया था। प्रदत्त निर्देशों के अनुक्रम में कुलपति, डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा द्वारा परीक्षा पुस्तिकाओं के मूल्यांकन व्यवस्था में सुधार लाये जाने हेतु अपनी रिपोर्ट 30 जुलाई, 2016 को प्रस्तुत कर दी थी।

इस रिपोर्ट पर कुलपतियों के विचार एवं संस्तुतियाँ प्राप्त करने के लिए 24 अक्टूबर, 2016 को प्रातः 11 बजे राज्यपाल/कुलाधिपति की अध्यक्षता में बैठक आहूत की गयी। बैठक में 27 कुलपतियों से परीक्षा मूल्यांकन प्रणाली पर विचार मंथन के पश्चात् निम्न बिन्दुओं पर सहमति बनी। (1) परीक्षा प्रक्रिया एवं मूल्यांकन व्यवस्था में नवीन तकनीक का प्रयोग अधिकाधिक किया जाये, (2) मूल्यांकन हेतु वर्तमान दर में वृद्धि एवं समय से भुगतान सुनिश्चित हो, (3) नियमित शिक्षकों का मूल्यांकन कार्य में सहभागिता सुनिश्चित की जाये, (4) विश्वविद्यालय में रिक्त पदों पर शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की नियुक्ति वरीयता पर वांछित है, (5) कुलपतियों को अधिक सशक्तीकृत किया जाये ताकि वह परीक्षा एवं मूल्यांकन प्रक्रिया को प्रभावी ढंग से सम्पादित करा सकें, (6) परीक्षा केन्द्रों एवं मूल्यांकन केन्द्रों पर पारदर्शिता के दृष्टिगत सी0सी0टी0वी0 स्थापित कराये जाये, (7) पुनर्मूल्यांकन के संदर्भ में छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर एवं डाॅ0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ के समान चैलेन्ज मूल्यांकन की व्यवस्था पर विचार किया जा सकता है, (8) वैश्विक निविदा के माध्यम से परीक्षा संबंधित कार्य हेतु कार्यदायी संस्था का निर्धारण करना श्रेयस्कर होगा।
राज्यपाल ने कहा कि जिन बिन्दुओं पर शासन स्तर से निर्णय लिया जाना होगा, उन पर संबंधित विभागों के अधिकारियों एवं मंत्रिगण से चर्चा कर समस्याओं का शीघ्र समाधान निकाला जायेगा।

बैठक में राज्यपाल ने श्री प्रकाश जावडेकर, मानव संसाधन विकास मंत्री, भारत सरकार से प्राप्त पत्र के क्रियान्वयन हेतु समस्त कुलपतियों से विश्वविद्यालयों एवं सम्बद्ध विद्यालयों में 1 नवम्बर से 15 नवम्बर 2016 तक ‘स्वच्छ भारत पखवाड़ा‘ मनाये जाने तथा कृत कार्यवाही की रिपोर्ट 30 नवम्बर, 2016 तक उपलब्ध कराये जाने को भी कहा।