अलेप्पो: सीरिया के शहर अलेप्पो में पिछले पांच वर्षों में सबसे भीषण बमबारी में करीब पांच सौ लोगों की मौत हो गई है। इस बमबारी में करीब 2000 लोग घायल हुए हैं। मरने वालों में ज्यादातर बच्चे बताए गए हैं। यह हमला रूस और सीरिया के विमानों से किया गया है। इतना ही नहीं अलेप्पो में अब महज एक माह का ही राशन बचा है। ऐसे में वहां के हालात बेहद चिंताजनक हो गए हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने इसकी जानकारी देते हुए गहरी चिंता जताई है।

विद्रोही गुटों के गढ़ अलेप्पो पर हुए इस भीषण हमले के बाद हर तरफ मलबे में तब्दील हुई इमारतों के ढेर और घायल दिखाई दे रहे हैं। मून ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र के दल ने 7 जुलाई के बाद यहां का पहली बार दौरा किया है। इसमें पता लगा है कि यहां पर मौजूद राशन अब खत्म होने के कगार पर है। यहां फिलहाल इतना ही राशन बचा है, जिससे इस माह गुजारा किया जा सके। यदि हालात जल्द नहीं सुधरे तो यहां पर भुखमरी की नौबत आ जाएगी। संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में मौजूद 72 देशों ने वहां मौजूद हालातों पर चिंता व्यक्त की है। कनाडा ने सीरिया में वर्षों से जारी युद्ध को तुरंत बंद कराने और वहां पर शांति के प्रयास शुरू करने पर जोर दिया है।

गौरतलब है कि सीरिया के मुद्दे पर रूस द्वारा वीटो का इस्तेमाल किए जाने के बाद यूएन में आए दो प्रस्ताव गिर गए थे। वहीं यूएन में मौजूद रूस के राजदूत विटाले चौकिन ने इस मुद्दे पर यूएन की ही खिंचाई की है। उन्होंने कहा कि सीरिया में हालात कुछ ऐसे हो गए हैं जैसे हैती चक्रवात के बाद अमेरिका में थे। दरअसल रूस शुरू से ही सीरिया की सत्ता पर काबिज बशर सरकार का समर्थन करता रहा है। वहीं अमेरिका इस सरकार के खिलाफ विद्रोही गुटों का साथ देता रहा है।