लखनऊ: डॉ0 रीता बहुगुणा जोशी का कांग्रेस पार्टी छोड़कर भाजपा में सम्मिलित होना, राष्ट्रीय आदर्शों और धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के प्रति विश्वासघात है। वास्तव में यह उस गहरे षडयंत्र का हिस्सा है जिसके अन्तर्गत वह काफी समय से विजय बहुगुणा और अपने अन्य परिवारीजनों से मिलकर अन्य पार्टियों की दुरभिसंधि में थीं। यह उद्गार प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति के चेयरमैन एवं पूर्व गृहमंत्री रामकृष्ण द्विवेदी व प्रदेश कंाग्रेस कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन-पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी ने व्यक्त किया।

दोनों वरिष्ठ नेताओं ने संयुक्त वक्तव्य में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वास्तव में वह महीनों से पार्टी के भीतरी रहस्यों से भाजपा को अवगत कराकर भितरघात में सम्मिलित थीं। उन्होने यह सिद्ध कर दिया कि कितने ओछे विचार की स्वार्थी और महत्वाकांक्षी महिला हैं। उनके इस आचरण से उनकी देशभक्ति पर उंगली उठने लगी है।

दोनों नेताओं ने रीता बहुगुणा जोशी के निराधार और शरारतपूर्ण इस वक्तव्य को सिरे से खारिज कर दिया कि पार्टी में उनकी अनदेखी की गयी है क्योंकि उन्हें तो समाजवादी पार्टी से आने के बाद एक नहीं बल्कि दो-दो बार पार्लियामेण्ट का चुनाव लड़ाया गया था। उनको राष्ट्रीय महिला कंाग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद उनके दिखावटी सेक्युलर किरदार के चलते उनको प्रदेश कंाग्रेस के अध्यक्ष पद पर प्रतिष्ठत कर दिया गया। पार्टी ने ही उन्हें विधानसभा में टिकट देकर विधानसभा भेजा और राष्ट्रीय प्रवक्ता भी बनाया। कल तक हमारे जिस राष्ट्रीय नेता श्री राहुल गांधी जी के यशोगान में वह थकती नहीं थीं आज वह उन्हें असफल बता रही है।