लखनऊ: बेतहसदा फैलोशिप ट्रस्ट लखनऊ, उ0प्र0 के तत्वावधान में नौवाँ वार्षिक शान्ति महोत्सव आज क्राइस्ट चर्च कालेज ग्राउण्ड, हजरतगंज लखनऊ में उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के अल्पसंख्यक विभाग के वाइस चेयरमैन एवं कार्यक्रम के आयोजक बिशप डॉ0 आर0सी0 शेत द्वारा आयोजित किया गया। जिसमें प्रमुख रूप से अखिल भारतीय कंाग्रेस कार्यसमिति के सदस्य आस्कर फर्नांडीज , अ0भा0 कंाग्रेस कमेटी के अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन खुर्शीद अहमद सैय्यद एवं उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन एवं पूर्व एमएलसी हाजी सिराज मेंहदी सहित क्रिश्चियन, सिक्ख, मुस्लिम, जैन, बौद्ध धर्म के मानने वाले सभी वर्गों के तमाम वरिष्ठ नेतागण एवं साम्भ्रान्त लोग शामिल हुए।

इस मौके पर शान्ति महोत्सव में शामिल हुए कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य आस्कर फर्नांडीज ने कहा कि मुझे बहुत खुशी हो रही है आज के इस कार्यक्रम में सम्मिलित होने पर जहां इतनी भारी संख्या में सभी वर्गों और धर्मों के लोग एकत्र हुए हैं और इतनी बड़ी संख्या में क्रिश्चियन कंाग्रेस पार्टी से जुड़ रहे हैं, यही अनेकता में एकता हमारे देश की पहचान है और शांति-सौहार्द को बढ़ाने एवं सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने का कार्य सदैव कांग्रेस पार्टी करती रही है। उन्होने कहा कि इस प्रकार के शान्ति को बढ़ावा देने के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने की जरूरत है।

कार्यक्रम में अखिल भारतीय कंाग्रेस कमेटी के अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन खुर्शीद अहमद सैय्यद ने कहा कि हमने जबसे अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन के दायित्व को संभाला है तब से पूरे देश में हमारी कोशिश रही है कि अल्पसंख्यक विभाग सिर्फ मुस्लिम का नहीं है बल्कि इसमें सभी अल्पसंख्यक वर्गों जैसे बौद्ध, जैन, सिक्ख, इसाई, पारसी आदि सबका है और अल्पसंख्यक विभाग में इन सभी को जोड़ा जाना चाहिए। उन्होने कहा कि आज देश में तोड़ने की बात हो रही है और झूठ का बाजार गर्म है। क्रिश्चयन समुदाय शिक्षित समुदाय है और बहुत समझदार है। यह समुदाय समाज में ज्ञान बांटता है। ऐसे में आवश्यकता है कि क्रिश्चियन समुदाय द्वारा इस प्रकार के आयोजनों को और अधिक संख्या में किया जाय ताकि समाज को तोड़ने वाले अपने मंसूबों में कामयाब न हो सकें।
इस मौके पर उ0प्र0 कंाग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन एवं पूर्व एमएलसी हाजी सिराज मेंहदी ने कहा कि देश और प्रदेश में कुछ ऐसी ताकतें हैं जो समाज को तोड़ने का कुचक्र रचती रहती हैं। अफवाह और फरेब के जरिये समाज में विघटन फैलाना चाहती हैं ऐसे में आवश्यकता है कि सभी धर्मों एवं वर्गों के लोग आपस में शांति एवं सौहार्दपूर्वक प्रेम मुहब्बत से मिलजुलकर रहें और अमन एवं चैन को कायम रखने में योगदान दें। ऐसे में इस प्रकार के आयोजन की महत्ता और अधिक प्रासंगिक हो जाती है।