श्रीनगर। कश्मीर के पुलवामा जिले के पंपोर के पास सरकारी इमारत में छिपे आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच गोलाबारी बुधवार को आज तीसरे दिन भी जारी है। मुठभेड़ में दूसरे आतंकी के भी मारे जाने की खबर है। इससे पहले मंगलवार को एक आतंकी को ढेर किए जाने की खबर थी। सेना ने आखिरी वार की तैयारी कर ली है।

आतंकियों पर दूर से हमला करने के लिए सेना ने ऑपरेशन में हेलिकॉप्टर की मदद ली। लगातार गोलाबारी से इमारत के अंदर और आसपास धुआं ही धुआं नजर आ रहा है। रह-रह कर गोलियों की आवाज आतिशबाजी जैसी सुनाई दे रही है। पंपोर की ईडीआई इमारत से रातभर धमाके और फायरिंग की आवाज आती रही जो सुबह भी जारी रही।

मंगलवार को सेना ने एक आतंकी मार गिराया था, हालांकि इसकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि अभी नहीं हुई है। उसका शव इमारत में ही पड़ा है। रक्षा सूत्रों ने यहां कहा कि शव मिलने के बाद ही वे मौत की पुष्टि करेंगे। सूत्र ने कहा कि रात के अंधेरे में आतंकवादियों के बचकर भाग निकलने की कोशिशों को असफल करने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने फ्लडलाइट का इस्तेमाल किया।

सेना को जम्मू-कश्मीर उद्यमिता संस्थान (जेकेईडीआई) की 7 मंजिला इमारत में और आतंकियों के छिपे होने का शक है। सेना ने ऑपरेशन तेज कर दिया है। आतंकवादी रॉकेट, ग्रेनेड और स्वचालित हथियारों से लैस हैं।
पुलिस ने कहा कि बहुमंजिला इमारत के कुछ हिस्सों में आग लगने के बाद आतंकवादियों ने अपने स्थान को बदलना जारी रखा है और अपने गोला-बारूद का इस्तेमाल बेहद होशियारी से कर रहे हैं।

ईडीआई के भीतर छिपे आतंकवादियों की ओर से की गई गोलीबारी में दो सुरक्षाकर्मी और एक पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस सात मंजिला सरकारी इमारत में 70 कमरे हैं और यह इमारत श्रीनगर से 12 किलोमीटर दूर झेलम नदी के किनारे पर स्थित है।

आतंकवादियों से लोहा लेने के लिए सेना, राज्य पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिसबल (सीआरपीएफ) के विशेष ऑपरेशन्स समूह ने संयुक्त अभियान शुरू किया। आतंकवादियों से निपटने के लिए रॉकेट और भारी स्वचालित बंदूकों का इस्तेमाल किया गया।

इससे पहले संस्थान की मुख्य इमारत पर फरवरी में भी हमला हुआ था। उस समय भी आतंकवादियों ने इमारत में घुसकर सुरक्षाबलों पर हमले शुरू कर दिए थे। उस समय आतंकवादियों के हमले में छह लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें एक नागरिक, तीन जवान और दो अर्धसैनिक जवान शामिल थे। सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई में तीन आतंकवादियों को मार गिराया था।