आगरा। डॉक्टर को धरती का भगवान् कहा जाता है जो रोगी को एक नया जीवन देता है लेकिन आगरा में ऐसे ही एक भगवान् की हैवान रुपी तस्वीर सामने आयी है जो खुले आम मरीज़ को मार डालने की बात कह रहा है।

बात आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज की है जहाँ एक डॉक्टर ने अपने जूनियर डॉक्टर को फोन पर मरीज को मारने के लिए कहा मगर संयोग से यह पूरी बातचीत रिकॉर्ड हो गई। दरअसल, आगरा के रहने वाले टीकम का बेटा मुकेश लंबे समय से टीबी की बीमारी से जूझ रहा था। शुक्रवार को उसको पेट में जबरदस्त दर्द हुआ। घबराए घरवाले उसे इस अस्पताल में लेकर आए। यहां डॉक्टरों ने मुकेश की जान बचाने को तवज्जो देने के बजाए उसे और परिजनों को दौड़ाना शुरू कर दिया।

टीकम ने एक कॉल किया। उन्होंने डॉक्टर से बड़ी उम्मीद से कहा कि मेरे बेटे को एडमिट नहीं कर रहे हैं। दूसरी तरफ से सीनियर डाक्टर की आवाज आई, कौन नहीं कर रहा है, बात कराओ मेरी। बाप ने जूनियर डॉक्टर से बात करा दी। डॉक्टर ने फोन पर कहा कि कौन ये रात में मुझे फोन कर रहा है। मारने के लिए भर्ती कर लो, फिर चाहे मार डालो। आगरा के सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज के सर्जन की ये लापरवाह आवाज किसी के भी होश उड़ा देगी।

मुकेश को टीबी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट के अंडर में भर्ती कर लिया गया, लेकिन उसकी तबीयत में सुधार होने के बजाए और बिगड़ती गई। घरवालों के मुताबिक इंजेक्शन लगाने के बाद उसे टीबी वार्ड में रेफर कर दिया गया जहां उसे ऑक्सीजन लगा दी गई, लेकिन कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई। ये पिता बेटे का अंतिम संस्कार करने निकला था, लेकिन तभी किसी ने फोन पर अपने आप हो गई रिकॉर्डिंग सुन ली। इसके बाद सारी हकीकत खुलकर सामने आ गई।

पुलिस के मुताबिक इस मामले में मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर ही एफआईआर दर्ज करके कार्रवाई की जाएगी। अपनी कैद हुई आवाज के बाद आरोपों के घेरे में आए डॉक्टर श्वेतांक अब चुप हैं और फिलहाल कोई जवाब नहीं दे रहे हैं। बहरहाल, मुकेश की मौत से इस पेशे के दामन पर एक बदनुमा दाग तो जरूर लगा दिया है।