इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते सुधरने की कोई उम्मीद नहीं है। अजीज ने कहा कि क्षेत्र में भारत के खुद को प्रमुखता पर रखने वाले रुख का पाकिस्तान विरोध करता रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान बराबरी के आधार पर द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने की मांग करता रहा है।

सरताज अजीज का कहना था कि पाकिस्तान की संसद ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें कश्मीर में 'बर्बरता' की निंदा, भारत द्वारा नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन, भारत द्वारा कश्मीर को अभिन्न अंग मानने को नकारना, सिंधु जल समझौते को रद्द करने की भारत की धमकी की निंदा और बलूचिस्तान में भारत के हस्तक्षेप जैसे मुद्दे शामिल हैं। अजीज ने कहा कि इन सभी कोशिशों का मुख्य एजेंडा दुनिया को ये बताना है कि पूरा पाकिस्तान भारतीय आक्रमण के खिलाफ एकजुट है।

उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में विभिन्न मंचों पर बातचीत के बाद यही बात उभरकर आई है कि दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू होनी चाहिए। भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा साल 2018 तक पाकिस्तान से लगी भारत की सीमा को पूरी तरह सील कर दिए जाने के ऐलान पर अजीज ने कहा कि अगर लोगों की आवाजाही और व्यापारिक संबंध बरकरार रहा, तो पाकिस्तान-भारत सीमा को सील कर देने में कोई बुराई नहीं है।