कैसे पूरा हो सकेगा मुख्यमंत्री का ख्वाब

लखनऊ। अव्यवस्थाओं के बीच चल रही मेडिकल काउंसिलिंग में आए छात्र खासे परेशान रहे। डीजीएमई वा मेडिकल काउन्सेलिंग बोर्ड द्वारा पीजीआई प्रशासन की ओर से दूर दराज से आए छात्रों व उनके अभिभावकों की सुविधाओं के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गयी। कैम्पस में पीने का पानी से लेकर बैठने तक का इंतजाम नहीं था जिसके चलते अभिभावकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। शुक्रवार देर रात समाप्त हुई काउंसिलिंग के बाद भी 1150 एमबीबीएस व 1400 बीडीएस की सीटें खाली रह गयीं। ऐसे में सवाल उठता है कि मुख्यमंत्री का प्रदेश में प्रतिवर्ष चार हजार के करीब डाक्टर तैयार करने का सपना किस प्रकार पूरा हो सकेगा?
डीजीएमई वा मेडिकल काउन्सेलिंग बोर्ड द्वारा संजय गांधी पीजीआई में चल रही काउंसिलिंग में चारों ओर अव्यवस्थाएं फैली हुई हैं। पीने के नाम से लेकर बैठने तक की उचित सुविधा न मिल पाने के कारण दूर दराज से आए अभिभावक खासे परेशान रहे। शुक्रवार को हुई काउंसिलिंग में छात्रों को दो बजे का समय दिया गया लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते काउंसिलिंग रात साढ़े ग्यारह बजे शुरू हो सकी। अभिभावकों द्वारा काउंसिलिंग बोर्ड को शिकायत किए जाने के बाद भी उन्होंने कोई कार्यवाही नहीं की। छात्रों का कहना था कि काउंसिलिंग में बैठे अधिकारियों ने उनको प्रक्रिया की सही जानकारी नहीं दी जिससे उन्हें अपनी सीटें लॉक करने में काफी परेशानी हुई। मेडिकल कालेजों की तय की गयी फीस के कारण इनमें एमबीबीएस की 1150 व बीडीएस की 1400 सीटें भरी नहीं जा सकी हैं। वहां टहल रहे फर्जी दलालों ने भी अभिभावकों व छात्रों का गुमराह करने की कोशिश करी।