मुख्यमंत्री ने डायल-100 परियोजना के ‘लोगो’ और सिटीजन एप के बीटा वर्जन का लोकार्पण किया

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज यहां लोक भवन में प्रदेश स्तरीय पुलिस इमरजेन्सी प्रबन्धन प्रणाली (पी0ई0एम0एस0) यूपी -100 परियोजना का ‘लोगो’ (प्रतीक चिन्ह) तथा परियोजना के सिटीजन एप के बीटा वर्जन का लोकार्पण किया। इसके साथ ही उन्होंने इस परियोजना में प्रयोग किए जाने वाले दो माॅडल वाहनों को भी प्रतीक के रूप में रवाना किया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता को विश्वसनीय एवं सिस्टम आधारित पुलिस सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए समाजवादी सरकार ने पी0ई0एम0एस0 यूपी -100 परियोजना की कल्पना करते हुए इसे गम्भीरता पूर्वक जमीन पर उतारने का प्रयास किया, जो अब शुरू होने जा रही है। इससे पुलिस पूरे प्रदेश के लिए एक यूनिट के रूप में काम करते हुए ‘100’ नम्बर डायल करने पर 10 से 15 मिनट में सहायता उपलब्ध कराने में सक्षम हो जाएगी। इस प्रकार प्राथमिकी दर्ज कराने में आने वाली कठिनाई एवं मौके पर पुलिस के न पहुंचने की शिकायत का समाधान भी हो जाएगा। इस व्यवस्था से जहां पुलिस सिस्टम को मजबूती मिलेगी वहीं व्यक्ति आधारित कार्य प्रणाली गौण हो जाएगी और जनता को समय पर भरोसेमद सहयोग भी मिलेगा।

श्री यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार प्रदेश की जनता की भलाई के लिए हर सम्भव कदम उठाने के लिए तत्पर रही है और आगे भी रहेगी। उन्होंने कहा कि दुनिया में जहां भी अच्छे कार्य हो रहे हैं और उससे राज्य की जनता को मदद मिल सकती है, उस व्यवस्था को प्रदेश में भी लागू करने का प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश राज्य स्तरीय डायल-100 परियोजना को भी लागू किया गया है। इसके लिए अधिकारियों की टीमों को अमेरिका और सिंगापुर भी भेजा गया और वहां प्रयोग में आ रही अच्छी व्यवस्था को व्यवहारिक स्वरूप प्रदान करते हुए प्रदेश में और अधिक व्यापक और परिष्कृत ढंग से लागू किया जा रहा है। यदि यह व्यवस्था यहां सफल होती है तो अन्य प्रदेश भी इसी तर्ज पर 100-डायल परियोजना को लागू करने के लिए बाध्य हो जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी सरकार प्रदेश को सही दिशा में ले जाने का काम कर रही है। लगभग सभी विभागों में ऐसे काम किए गए हैं, जो किसी अन्य राज्य सरकार के लिए सम्भव नहीं हैं। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पर्यावरण की बेहतरी के लिए एक दिन में 05 करोड़ से अधिक पौधों का रोपण करके जहां राज्य सरकार ने एक विश्व रिकार्ड बनाया, वहीं जनता से किए गए वायदों के अनुरूप बड़ी संख्या में निःशुल्क लैपटाॅप वितरित करके प्रदेश के नौजवानों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि आबादी के बीच में एशिया का सबसे बड़ा जनेश्वर मिश्र पार्क लखनऊ में बनाकर राज्य सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को जाहिर किया है। इसी प्रकार तमाम कठिनाइयों के बावजूद किसानों के सहयोग से जमीन की व्यवस्था करते हुए देश का सबसे लम्बा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे बनाने का काम किया है, जिसका शीघ्र लोकार्पण किया जाएगा।

समाजवादी पेंशन योजना की चर्चा करते हुए श्री यादव ने कहा कि 55 लाख गरीब परिवारों को उनके बैंक खाते में सीधे धनराशि प्रेषित की जा रही है। पुलिस महाकमे को मजबूती प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के समय में बड़े पैमाने पर पुलिस कार्मिकों को प्रोन्नति प्रदान की गई। साथ ही, पुलिस भर्ती को व्यवहारिक बनाया गया। पुलिस विभाग को आवश्यकतानुसार वाहन एवं भवन आदि बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करायी गईं। उन्होंने कहा कि लखनऊ सहित अन्य नगरों के लिए जहां मेट्रो रेल परियोजनाओं का संचालन किया जा रहा है, वहीं गांवों की खुशहाली के लिए भी काफी काम किए गए हैं। उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार संतुलन बनाकर नौजवान, गरीब, किसान आदि सभी लोगों की भलाई के लिए काम कर रही है।

इससे पूर्व, मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने कहा कि करीब 1600 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रही प्रदेश स्तरीय पुलिस इमरजेन्सी प्रबन्धन प्रणाली डायल-100 परियोजना शीघ्र ही पूरी क्षमता से काम करना शुरू कर देगी। इसके माध्यम से प्रदेश की जनता को निश्चित रूप से राहत मिलेगी।

गृह विभाग के सलाहकार वेंकट चंगावल्ली ने विस्तार से परियोजना की जानकारी देते हुए कहा कि यह परियोजना मुख्यमंत्री की परिकल्पना एवं संवेदनशीलता की प्रतीक है। प्रमुख सचिव गृह श्री देबाशीष पण्डा एवं पुलिस महानिदेशक श्री जावीद अहमद ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

ज्ञातव्य है कि इस परियोजना के जिस बीटा वर्जन एप का लोकार्पण आज किया गया, इसमें कई फीचर दिए गए हैं, जिससे पुलिस को त्वरित आकस्मिक सहायता उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। इसमें आकस्मिक सेवाओं को प्रदान करने के स्थल, एप का प्रयोग करने वाले व्यक्ति के सम्बन्धियों के फोन नम्बर आदि सभी सूचनाएं पहले से दर्ज रहेंगी। बीटा वर्जन इस उद्देश्य से लाँच किया गया ताकि जनसामान्य से फीडबैक लेकर उसमें जरूरी गुणात्मक संशोधन कर परियोजना की लाॅन्चिंग के समय इसे विधिवत शुरू किया जा सके।