नई दिल्‍ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादी ठिकानों पर लक्षित हमलों के मद्देनजर सुरक्षा परिदृश्य पर चर्चा करने के लिए सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट की समिति (सीसीएस) की बुधवार को अध्यक्षता की। सूत्रों ने बताया कि बैठक में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ साथ आंतरिक इलाकों में हालात के बारे में जानकारी दी गई। एक रिपोर्ट के मुताबिक सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक के कुछ वीडियो रक्षा मंत्रालय को सौंप दिए हैं। सेना की ओर से सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो सौंपे जाने के बाद पीएम ने सुरक्षा मामलों पर बनी सीसीएस की बैठक ली।

सूत्रों के अनुसार, सेना ने सरकार को सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो सौंप दिया है। हालांकि अब यह सरकार के ऊपर है कि इसे सार्वजनिक किया जाए या नहीं। लेकिन सूत्रों के हवाले से यह भी कहा जा रहा है कि सरकार इस कार्रवाई के सबूतों को सार्वजनिक नहीं करने के पक्ष में है। रिपोर्टों के अनुसार, यह 90 मिनट का ड्रोन के जरिये रिकार्ड किया गया वीडियो है, जिसमें सेना के आतंकी कैंपों पर गिए गए हमले को रिकॉर्ड किया गया है। दूसरी ओर, सर्जिकल स्ट्राइक से बौखलाया पाकिस्तान लगातार इस प्रकार की कार्रवाई से इनकार कर रहा है। बता दें कि 28 सितंबर को सेना ने पीओके में आतंकी ठिकानों पर किए गए सर्जिकल स्‍ट्राइक को रिकॉर्ड किया था।

सूत्रों के अनुसार, एनएसए और खुफिया एजेंसियां सेना के सर्जिकल स्‍ट्राइक के वीडियो को सबूत के तौर पर जारी करने के खिलाफ है। बता दें कि खुफिया विभाग ने केंद्र सरकार को सर्जिकल स्‍ट्राइक से जुड़े हर पहलू की जानकारी दी है।

वहीं, देश के भीतर भी कुछ राजनीतिक दल सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर सवाल उठा रहे हैं और सबूत सामने लाने की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस से लेकर आम आदमी पार्टी मोदी सरकार से सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांग रही हैं। केंद्र सरकार ने इन दलों के ऐसे बयान पर कहा कि ऑपरेशन पर सवाल उठाने से सेना का मनोबल गिर सकता है। उधर पाकिस्तान भी बार-बार कह रहा है कि 29 सितंबर को तड़के सर्जिकल स्ट्राइक नहीं हुई थी। पड़ोसी देश के इस रुख को देखते हुए आर्मी ने अपनी बात सामने रखी है।

गौर हो कि नियंत्रण रेखा के पास आतंकवादी ठिकानों पर 28 एवं 29 सितंबर की दरम्यानी रात को किए गए लक्षित हमलों के बाद भारत एवं पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। लक्षित हमलों के बाद से पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा के पार से गोलीबारी एवं गोलाबारी बढ़ा दी है।