नई दिल्ली: सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने बुधवार को कहा कि देश में काले धन का सबसे बड़ा स्रोत राजनीतिक दल हैं और वे नियमों का फायदा उठाकर काले धन को सफेद करते हैं।

हजारे ने एक इंटरव्यू में कहा कि काले धन का सबसे बड़ा स्रोत हमारे देश के राजनीतिक दल हैं। राजनीतिक दल चंदे के रूप में काला धन लेकर उसे सफेद करते हैं। इसलिए वे चंदे में लिए पैसे का हिसाब नहीं देना चाहते हैं। नियमों के हिसाब से चुनावों के दौरान 20 हजार रुपये तक के चंदे का हिसाब नहीं देना होता है। इसे बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अगर दल एक रुपये का भी चंदा लेते हैं तो उन्हें इसका हिसाब देना चाहिए।

सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि राजनीतिक दलों के खाते की स्पेशल ऑडिट करवानी चाहिए। विदेशों में जमा काले धन पर हजारे ने कहा कि विदेशों से ज्यादा देश में काला धन है जिसे निकालना बहुत जरूरी है। नेता विदेशों में काला धन होने की बात करके लोगों को गुमराह करते रहे हैं लेकिन सच्चाई यह है कि विदेशों से ज्यादा काला धन देश में है। सरकार पहले देश के अंदर के काले धन को उजागर करे।

हजारे ने लोकपाल आंदोलन के बाद बनी आम आदमी पार्टी के गठन से जुड़े नेताओं का नाम लिए बिना कहा कि हर जगह अच्छे और बुरे लोग हैं। अगर बुरे लोग न हो तो अच्छे लोगों की पहचान कैसे होगी। इन दो-चार लोगों से कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने कहा कि मेरे साथ जुड़े बाकी लोग अपना काम अच्छे से कर रहे हैं।

योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के नेतृत्व में ‘स्वराज पार्टी’ के गठन पर हजारे ने कहा कि हमारे देश में लोकतंत्र है और किसी भी काम के लिए आजादी है, ऐसे में उनका जो मन करे वे करें लेकिन राजनीतिक पार्टी का गठन समस्या का हल नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर राजनीति पार्टी से सुराज आना होता तो देश को आजाद हुए 69 साल हो गए अब तक सुराज आ जाता।