ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फारसी विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस समारोह

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने आज ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फारसी विश्वविद्यालय लखनऊ के स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन किया तथा महिला छात्रावास एवं प्रेक्षागृह का शिलान्यास भी किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के तौर पर प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री जितेन्द्र कुमार तथा डाॅ0 सईदुर रहमान नदवी, प्रधानाचार्य नदवा कालेज लखनऊ उपस्थित थे। कार्यक्रम में राज्यपाल सहित अन्य अतिथियों को स्मृति चिन्ह व शाल देकर सम्मानित भी किया गया।
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय युवाओं को अच्छी शिक्षा देने का प्रयास करते हैं। ऐसे में यह ध्यान देने की जरूरत है कि दुनिया कितना आगे बढ़ रही है और हम अपने युवाओं को इस कड़ी प्रतिस्पर्धा के दौर में किस प्रकार तैयार कर रहे हैं। उन्होंने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि नयी पीढ़ी को अपने शहर, प्रदेश या देश से नहीं बल्कि विश्व से स्पर्धा करनी है।
श्री नाईक ने कहा कि छात्रों का पहला कर्तव्य है कि वे अपनी पढ़ाई पर ध्यान केन्द्रित करें। पढ़ाई करते समय किताबी कीडे़ न बनकर अपनी रूचि के हिसाब से अन्य विधाओं पर भी ध्यान देते हुए स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें। व्यक्तित्व विकास से समाज में आगे बढ़ा जा सकता है। उन्होनें कहा कि आज के युग में शिक्षा ग्रहण करने की अनेक सुविधायें हैं, उन सुविधाओं का लाभ उठाकर छात्र आगे बढ़ने का प्रयास करें तथा प्रदेश एवं देश का नाम रोशन करें।
राज्यपाल ने बताया कि उनके जीवन के अनुभव पर आधारित कुछ राजनैतिक संस्मरणों का संकलन ‘चरैवेति! चरैवेति!!‘ शीघ्र ही हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू और गुजराती भाषा में प्रकाशित हो रहा है। उन्होंने कहा कि उर्दू उत्तर प्रदेश की दूसरी सरकारी भाषा है, इस दृष्टि से संकलन का भाषांतरण उर्दू में भी किया गया है। उन्होंने इस अवसर पर छात्र-छात्राओं को व्यक्तित्व विकास के चार मंत्र बताते हुए कहा कि सदैव प्रसन्नचित रह कर मुस्कराते रहंे, दूसरों के अच्छे गुणों की प्रशंसा करें और अच्छे गुणों को आत्मसात करने की कोशिश करें, दूसरों को छोटा न दिखाये तथा हर काम को और बेहतर ढंग से करने का प्रयास करें।
इस अवसर पर कुलपति डाॅ0 खान मसूद अहमद, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री जितेन्द्र कुमार व प्रो0 मिर्जा माहरूख ने भी अपने विचार रखे।