नई दिल्ली: त्योहारी सीजन से पहले सरकार ने बुधवार को रेल कर्मचारियों को 78 दिन के वेतन के बराबर उत्पादकता आधारित बोनस दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. यह लगातार पांचवां साल है, जबकि रेलकर्मियों को इस स्तर का बोनस मिलेगा.

इस बार बोनस की गणना के लिए वेतन सीमा 3500 रुपये से बढ़ाकर 7,000 रुपये की गई है, जिससे रेलकर्मियों की बोनस राशि दोगुना होने की संभावना है. पिछले साल प्रति कर्मचारी दिया गया न्यूनतम बोनस 8,975 रुपये था. इसके तहत रेलवे के देशभर में फैले सभी गैर-राजपत्रित कर्मचारी आते हैं,

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में वित्त वर्ष 2015-16 के लिए रेलवे के गैर- राजपत्रित कर्मचारियों (आरपीएफ-आरपीएसएफ कर्मियों को छोड़कर) को 78 दिन के वेतन के बराबर उत्पादकता आधारित बोनस देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.

रेलवे के करीब 12 लाख कर्मचारियों को हर साल दशहरे से पहले उत्पादकता आधारित बोनस दिया जाता है. इससे रेलवे पर 2,090.96 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। साल 2011-12, 2012-13, 2013-14, 2014-15 में भी रेल कर्मियों को 78 दिन के वेतन के बराबर बोनस दिया गया था.

नेशनल फेडरेशन ऑफ रेलवेमैन के महासचिव एम राघवैया ने कहा, 'हमने सरकार से रेल कर्मचारियों के लिए 78 दिन के वेतन के बराबर उत्पादकता आधारित बोनस मांगा था. हमें खुशी है कि सरकार ने हमारे प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है.' उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के लिए 78 दिन का वेतन करीब 18,000 रुपये बैठेगा.

इस फैसले का स्वागत करते हुए ऑल इंडिया रेलवेमैन फेडरेशन के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि चूंकि उत्पादकता आधारित बोनस की सीमा को 3,500 से बढ़ाकर 7,000 रुपये कर दिया गया है, ऐसे में हमें उम्मीद है कि कर्मचारियों को पिछले साल के बोनस की तुलना में दोगुनी राशि मिलेगी.