लखनऊ: मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि पाकिस्तान से लड़ाई नहीं बातचीत से समस्या का हल खोजना चाहिए। सिंधु नदी का पानी रोकना समस्या का समाधान नहीं है।

उन्होंने मंगलवार को मेगा कॉल सेंटर के शुभारंभ पर ये बातें पत्रकारों से कहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोहिया जी से लेकर नेता जी ने हमेशा कहा कि पड़ोसी देशों से संबध अच्छे होने चाहिए और महासंघ की तरफ सोचना चाहिए। बातचीत का रास्ता कभी खत्म नहीं करना चाहिए। बातचीत से ही समस्याओं का समाधान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सख्ती कहां दिखानी है इसे तो केंद्र सरकार को सोचना चाहिए, लेकिन बातचीत का रास्ता कभी बंद नहीं करना चाहिए। पाकिस्तान को सिंधु नदी से पानी रोकने संबंधी सवाल पर कहा कि पाकिस्तान भारत से ही अलग होकर बना है। भारत-पाकिस्तान के बीच जो भी समझौते हुए हैं वे बहुत पुराने हैं। अभी आप पानी रोकेंगे फिर क्या करोगे। इसीलिए बातचीत का रास्ता नहीं छोड़ना चाहिए।

अखिलेश समाजवादी पार्टी से निकाले गए युवा साथियों के समर्थन में पहली बार खुल कर बोले। कहा कि को जितने भी वरिष्ठ नेता हैं उन्होंने नेता जी को जानकारी दी है। उनका अनुभव बहुत है। जहां तक वह समझते हैं नौजवानों ने उनके पक्ष में नारे तो लगाए लेकिन किसी के खिलाफ नहीं लगाए। वह समझते हैं कि अनुभव वाले जो नेता हैं वह पार्टी के हित में कुछ न कुछ विचार जरूर करेंगे और जितने भी समाजवादी साथी हैं, आंदोलन व संगठन के उन्हें वापस पार्टी में लिया जाए।

अच्छे दिन वालों को सोचना होगा कि डिजिटल इंडिया कैसे होगा। प्रधानमंत्री का नाम लिये बिना कहा कि भाजपा के अच्छे दिन का ख्वाब दिखाने वालों को सोचना होगा कि जो सपने दिखाए हैं उसका क्या होगा। मायावती पर तंज कसते हुए कहा कि समाजवादी सरकार ने जो योजनाएं शुरू कीं उसका लाभ सीधे जनता को मिल रहा है। मगर पत्थरों वाली सरकार के हाथी नौ साल से खड़े हैं। मायावती का नाम लिये बिना कहा कि जिंदा रहते हुए भी मूर्ति लगवा दी और उसमें पर्स लटका दिया लेकिन मोबाइल रखना भूल गईं। उसमें मोबाइल होता तो अच्छे व बुरे कामों की सूचना मिलती।