नई दिल्ली। उरी हमले के बाद पूरी दुनिया में पाक को अलग-थलग करने की कोशिशों के तहत केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। भारत ने इस साल पाकिस्तान में होने वाले सार्क सम्मेलन का बहिष्कार कर दिया है। ये सम्मेलन 8 और 9 नवंबर को इस्लामाबाद में होना है।
गौरतलब है कि उरी हमले के बाद अपने पहले सार्वजनिक संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ ऐलान किया था कि भारत पाक को दुनिया में अलग-थलग कर देगा। इसके बाद पहले तो संयुक्त राष्ट्र में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान की हरकतों को बेनकाब किया और अब केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि वो नवंबर में होने वाले सार्क सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेगा।

भारत ने सार्क के वर्तमान अध्यक्ष नेपाल को लिखा है कि उरी हमला भारत ही नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए खतरा है। भारत इस माहौल में पाकिस्तान में होने वाले सार्क सम्मेलन का हिस्सा नहीं होगा। सरकार से जुड़े सूत्र बताते हैं कि सार्क के सदस्यों में से कुछ और देश भी पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में होने वाले सार्क सम्मेलन का बहिष्कार कर सकते हैं। इनमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और भूटान ऐसा कर सकते हैं।

गौरतलब है कि पठानकोट हमले के बावजूद गृहमंत्री राजनाथ सिंह पाकिस्तान में गृहमंत्रियों के सार्क सम्मेलन में शामिल हुए थे। उनके साथ हुए रूखे व्यवहार के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली पड़ोसी देश में वित्त मंत्रियों के सार्क सम्मेलन में शामिल नहीं हुए थे। इसके बाद खबर आई कि प्रधानमंत्री मोदी नवंबर में सार्क सम्मेलन में हिस्सा लेने इस्लामाबाद जा सकते हैं लेकिन उरी हमले के बाद पूरी परिस्थितियां बदल गई हैं।