मोतीमहल में आयोजन 23 से, उद्घाटन करेंगे राज्यपाल

लखनऊ। राणाप्रताप मार्ग मोतीमहल लान लखनऊ में 23 सितम्बर से दो अक्टूबर तक होने वाला चैदहवां राष्ट्रीय पुस्तक मेला महिला सशक्तीकरण को समर्पित होगा। दि फेडरेशन आॅफ पब्लिषर्स एण्ड बुकसेलर्स एसोसिएशन्स इन इण्डिया, नई दिल्ली के सहयोग से हो रहे के.टी.फाउण्डेशन के इस चैदहवें आयोजन का उद्घाटन मुख्यअतिथि राज्यपाल राम नाईक 23 सितम्बर को शाम चार बजे करेंगे। निःशुल्क प्रवेश वाले मेले में पुस्तक प्रेमियों को हर बार की तरह न्यूनतम 10 फीसदी की छूट मिलेगी।
चैदहवें राष्ट्रीय पुस्तक मेले के बारे में आयोजक फाउण्डेशन के संयोजक द्वय आस्था ढल व आकर्षण ने पत्रकारों का स्वागत करते हुए बताया कि वर्चुअल वल्र्ड की ओर बढ़ती दुनिया में किताबों का महत्व पहले से बढ़ा ही है। मनुष्य की सबसे अच्छी मित्र कहलाने वाली किताबें एक लम्बे अरसे से व्यक्ति और समाज के निर्माण में अहम भूमिका निभाती आ रही हैं। देष के प्रमुख और प्रतिष्ठित पुस्तक मेलों में शुमार हो चुके नवाबी नगरी के सन् 2003 से बराबर आयोजित इस पुस्तक मेले में पीएम पब्लिकेशन्स, आक्सफोर्ड युनिवर्सिटी प्रेस, प्रभात प्रकाशन, राजकमल, वाणी प्रकाशन, उपकार, डायमण्ड बुक पाकेट, राजा बुक पाकेट स, स्काॅलर हब, राजपाल एण्ड सन्स, भारतीय ज्ञानपीठ आदि के स्टाल तो होंगे ही, नये आने वालों में जीवन पब्लिशिंग हाउस, शिवदास एण्ड संस, सतीश एण्ड ब्रदर्स व अनन्या पब्लिकेशन इत्यादि शामिल हैं। गंगा जमुनी तहजीब के शहर में गांधी जयंती तक चलने वाले इस पुस्तक मेले में पहली बार ‘डाॅक्टर से मिलिए’ कार्यक्रम के तहत विशेषज्ञ चिकित्सक फेफड़ा व श्वसन रोग, मोटापे, ओरल हैल्थ, तनाव व पंचकर्म आयुर्वेद जैसे विषयों पर हर शाम चार से पांच बजे तक जानकारी देने के साथ श्रोताओं के प्रश्नों का जवाब देंगे। फोटो वर्कशाॅप, कथक, गज़ल, संगीत व नाटक कार्यक्रम और ढाई आखर प्रेम का’ जैसे कार्यक्रम विशिष्ट होंगे। साथ ही प्रदेश भर में पुस्तक मेले के संयोजक स्वर्गीय उमेश ढल की स्मृति में विशिष्ट कवि सम्मेलन व मुशायरा 24 सितम्बर की शाम और मंज़िल ग्रुप दिल्ली का कार्यक्रम 25 सितम्बर की शाम होगा।
मेले की सफलता का श्रेय भागीदारों, प्रकाशकों और बड़ी तादाद में आने वाले पुस्तक प्रेमियों को जाता है। यहां दस दिन चलने वाले इस मेले का भागीदार प्रकाशकों व पुस्तक वितरकों कों इंतजार रहता है वहीं मेले में हजारों पाठक और खरीदार कई-कई बार आते हैं। लगातार बढ़ती मांग की बदौलत मेले में इस बार लगभग 160 स्टालों की व्यवस्था की गई है।
यशपाल, भगवती बाबू और अमृतलालर नागरजी की इस साहित्यिक नगरी का बहुप्रतीक्षित वार्षिक उत्सव बन चुके इस पुस्तक में हमेशा की तरह इस वर्ष भी स्थानीय लेखकों के लिए अलग से निःशुल्क स्टाल की व्यवस्था है, जहां के अपनी पुस्तकें प्रदर्शन व बिक्री के लिए रखवा सकेंगे। ड्राइंग, फैंसी ड्रेस, नृत्य-गायन, श्लोक वाचन, शंख वादन, लेखन, क्विज़, परिधान आदि की बाल व नवयुवा प्रतियोगिताओं का अलग रंग युवा मंच पर दिखाई देगा। मुख्य सांस्कृतिक मंच पर अलका प्रमोद, रामकिशोर, डा.अमिता, नीरजा हेमेन्द्र, वागेश्वरी प्रसाद मिश्र वागीश, नरेन्द्र भूषण आदि की पुस्तकों के विमोचन, हिन्दी ब्लाॅगिंग पर चर्चा, कार्यक्रम और कवि सम्मेलन-मुशायरा आदि विविध मनोरंजक सांस्कृतिक कार्यक्रम हर दिन का आकर्षण होंगे। मेले के समापन समारोह में दो अक्टूबर की शाम चुनिंदा स्टाल धारकों को अतिथिगण सम्मानित करेंगे। इस मौके पर समाचार पत्र-इलेक्ट्रानिक मीडिया के प्रतिनिधियों का आभार प्रकट करते हुए राजकुमार छाबड़ा, डा.अमिता दुबे, बिन्दु जैन व ज्योति किरन रतन भी अपने विचार व्यक्त करने के साथ उपस्थित रहे।