लखनऊ। समाजवादी पार्टी में चल रही अंतर्कलह के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पहली बार एक अनोखा बयान दिया है। अखिलेश ने एक कार्यक्रम में कहा कि गम तो सबको होता है….गम कौन छुपा लेता है। गम छुपाने की आदत होनी चाहिए… जो नहीं छुपा सकते। शिवपाल के इस्तीफे पर उन्होने कहा कि उसे राष्ट्रीय अध्यक्ष देखेंगे। झगड़े पर सीएम ने कहा कि किसी तरह का झगड़ा नहीं है, हां नाराजगी हो सकती है।

अखिलेश यादव ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष पद से मुझे हटाया गया इससे मैं निराश हुआ और आप सभी ने इसका असर भी देखा। मैं युवा हूं और जो फैसले अभी तक लिए हैं उसी का असर दिख रहा है।
अखिलेश यादव ने कहा कि हम आपकी जरूरतें पूरी करने में लगे हैं। हमने अपनी बातें लोगों तक पहुंचाने के लिए विधानसभा स्तर पर सम्मेलन किया है। मुझे बुरा लगा। इसका असर आप ने देख लिया। नेताजी की खुशी के लिए कुछ भी करूंगा। उन्होंने कहा कि अभी एक दो फैसले ही लिए हैं। उनका असर आप देख ही रहे हैं। अब जनता के बीच जाना है। नया घोषणापत्र बनाना है। नया बजट पेश करने मेट्रो से जाउंगा। मेरी प्राथमिकता है कि काम करूं और बाहरी लोगों पर नजर रखूं।
नेताजी राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं और पिता भी हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते उन्होंने मुझे प्रदेश अध्यक्ष से हटाया। वहीं प्रजापति पर लिए गए मुलायम के फैसले के पर अखिलेश ने कहा कि मैं इसे स्वीकार करता हूं। जो नेताजी ने कहा है वहीं तक काम करूंगा।

मुलायम सिंह ने पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं से कहा कि पार्टी में कोई मतभेद नहीं है। चुनाव आने वाले हैं, उम्मीदवार चुनने हैं। बाप-बेटे में जो थोड़ा बहुत होता है, वही है। चाहे अखिलेश हों, चाहे रामगोपाल हों किसी का कोई मतभेद नहीं है।