नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश चुनाव से ठीक पहले सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में अभूतपूर्व घमासान मचा हुआ है जिसमें एक छोर पर हैं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तो दूसरी तरफ हैं उनके चाचा शिवपाल यादव। सुलह के प्रयासों के तहत पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने आज शिवपाल यादव से दिल्ली में चार घंटे तक मीटिंग की। सूत्रों के मुताबिक मुलायम कल संसदीय दल की बैठक बुला सकते हैं जिसमें सुलह के फॉर्मूले के तहत अखिलेश को संगठन में और बड़ी भूमिका दी जा सकती है।

सूत्रों के मुताबिक आज हुई मीटिंग में शिवपाल ने मुलायम से कहा कि मैं मुख्यमंत्री के साथ काम नहीं कर सकता। पूरे राज्य में मेरी बेइज्जती हुई है। शिवपाल ने कहा कि अंसारी भाइयों को पार्टी में लाने के फैसले पर आपकी सहमति थी तो भी सीएम के लोगों ने सिर्फ मुझे जिम्मेदार क्यों ठहराया, लगातार मेरे ऊपर हमला हो रहा है। शिवपाल ने मुलायम से अखिलेश के फैसले लेने के तरीके पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि अगर मुझे हटाना चाहते थे तो उन्हें मुझे सूचना देनी चाहिए थी, मैं खुद इस्तीफा दे देता। मुलायम सिंह अब अखिलेश यादव और अपने भाई रामगोपाल यादव से मुलाकात कर इस विवाद का हल निकालेंगे। कहा जा रहा है कि कल पार्टी के संसदीय दल की बैठक बुलाई जा सकती है, जिसमें अखिलेश को पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा है।

अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच की तनातनी तो पुरानी है लेकिन ताजा विवाद दो मंत्रियों की बर्खास्तगी से शुरू हुआ। खनन मंत्री गायत्री प्रजापति और पंचायती राजमंत्री राजकिशोर सिंह को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बर्खास्त कर दिया। दोनों पर भ्रष्टाचार के आरोप थे। गायत्री पर तो सीबीआई जांच की तलवार भी लटक रही थी। दोनों ही शिवपाल के करीबी थे तो जाहिर है ये फैसला शिवपाल को नागवार गुजरा। लेकिन अखिलेश यहीं नहीं रुके उन्होंने सूबे के मुख्य सचिव दीपक सिंघल को हटा कर उनकी जगह राहुल भटनागर को मुख्य सचिव बना दिया। सिंघल भी शिवपाल के करीबी माने जाते हैं। जाहिर है एक के बाद एक इन फैसलों से नाराज शिवपाल ने मुलायम से शिकायत की।

थोड़ी ही देर बाद खबर आई कि मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव को यूपी के प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी से हटाकर उसपर शिवपाल को बिठा दिया गया है। इससे पहले कि सियासी पंडित इसका मतलब समझ पाते अचानक ये धमाका हुआ कि अखिलेश ने चाचा शिवपाल के दस अहम विभागों में से 9 विभाग छीन लिए हैं जिनमें पीडब्लूडी और सिंचाई जैसे अहम विभाग हैं, अब उनके पास केवल समाज कल्याण विभाग है।