लखनऊ: मंत्रिपरिषद ने पति की मृत्यु के उपरान्त निराश्रित महिलाओं को दी जाने वाली सहायता राशि को 300 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये प्रतिमाह किये जाने का फैसला लिया है।
ज्ञातव्य है कि पति की मृत्यु के उपरान्त निराश्रित महिलाओं के लिए निराश्रित महिला पेंशन योजना वर्ष 1971-72 में प्रारम्भ की गई थी। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2016-17 में इस योजना के तहत 22 लाख 84 हजार 253 लाभार्थियों का भौतिक लक्ष्य निर्धारित किया गया है। निर्धारित भौतिक लक्ष्य के सापेक्ष इस योजना पर 1,062 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय होगी और लगभग 424 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय भार आएगा।

‘आसरा योजना’

मंत्रिपरिषद ने ‘आसरा योजना’ के अन्तर्गत आवासीय कालोनी बनाए जाने हेतु ग्राम-ताशका, तहसील-सदर, जनपद-रामपुर स्थित उद्यान विभाग की भूमि नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम विभाग को निःशुल्क हस्तान्तरित कराए जाने का निर्णय लिया है। इसके तहत उक्त ग्राम में उद्यान विभाग की भूमि आराजी गाटा संख्या-16, मिन0 रकबा 6.119 हेक्टेअर में से 02 हेक्टेअर भूमि नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम विभाग को निःशुल्क हस्तान्तरित की जाएगी। 

शहरी गरीबों को आवासीय सुविधा की तंगी के समाधान के लिए उनके जीवन स्तर में बदलाव और सामाजिक परिवेश में सुधार हेतु वर्ष 2012-13 में ‘आसरा योजना’ शुरू की गई है। इस योजना के अन्तर्गत शहरी क्षेत्रों में अल्पसंख्यक बाहुल्य बस्तियों तथा नगरीय मलिन बस्तियों में कम लागत के आवासीय मकान निर्मित कर चयनित पात्र लाभार्थियों को निःशुल्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं। ‘आसरा योजना’ राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजना है।

आचार्य नरेन्द्र देव स्मृति पार्क की स्थापना का निर्णय

मंत्रिपरिषद ने प्रख्यात समाजवादी चिन्तक आचार्य नरेन्द्र देव के मूल निवास जनपद सीतापुर में आचार्य नरेन्द्र देव स्मृति पार्क की स्थापना का फैसला लिया है। स्मृति पार्क के महत्व को देखते हुए इसे भव्यता और सुन्दरता प्रदान करने के लिए उच्च विशिष्टियों के कार्यों को कराए जाने सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। इन कार्यों के तहत ग्रेनाइट फ्लोरिंग तथा स्टोन क्लेडिंग जैसे उच्च विशिष्टियों के कार्य, जो लोक निर्माण विभाग की निर्धारित विशिष्टियों से उच्च हैं, कराए जाएंगे।
यह पार्क आचार्य नरेन्द्र देव के मूल निवास जनपद सीतापुर में इलसिया ग्राण्ट आरक्षित वनखण्ड के 20 हेक्टेअर क्षेत्रफल में निर्मित किया जाएगा, जो नगरवासियों को प्राकृतिक वातावरण से परिपूर्ण स्थल प्रदान करने व पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होगा। पार्क के पहले चरण हेतु वित्तीय वर्ष 2016-17 में 10 करोड़ रुपए की धनराशि का प्राविधान किया गया है।

‘साइथ और इनके स्पेयर पाट्र्स एवं एसेसरीज’ करमुक्त

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश मूल्य संवर्धित कर अधिनियम, 2008 के अन्तर्गत करमुक्त वस्तुओं की अनुसूची-एक में ‘साइथ और इनके स्पेयर पाट्र्स एवं एसेसरीज’ को रखे जाने का निर्णय लिया है।
अनुसूची-एक में कृषि उपकरणों की सूची में हसिया सम्मिलित होने के कारण ‘हसिया और इनके स्पेयर पाट्र्स एवं एसेसरीज’ वैट से मुक्त है। हसिया में छोटा हैण्डिल और एक ब्लेड होता है। ‘साइथ’ हसिया का ही एक उन्नत रूप है, जिसमें लम्बे हैण्डिल और कई ब्लेड होते हैं तथा इसमें दोनों हाथों को प्रयोग करते हुए फसलों की कटाई की जाती है। इन दोनों वस्तुओं का उपयोग किसानों द्वारा फसलों की कटाई में किया जाता है। यह एक कृषि उपयोगी उन्नत यंत्र है, जिसे करमुक्त किया जाना राज्य के किसानों के हित में होगा। इसके दृष्टिगत मंत्रिपरिषद ने यह फैसला लिया है।

उपायुक्त स्टाम्प को 25 लाख रु0 तक स्टाम्पवादों की सुनवाई का अधिकार

मंत्रिपरिषद ने उपायुक्त स्टाम्प को 25 लाख रुपए तक के स्टाम्प वादों के सुनवाई का अधिकार तथा उससे अधिक के स्टाम्प वादों की सुनवाई का अधिकार सदस्य राजस्व परिषद को दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
ज्ञातव्य है कि अधिसूचना संख्या-151/79-वि0-1-16-1(क)-26-2015, दिनांक 04.02.2016 द्वारा भारतीय स्टाम्प (उत्तर प्रदेश संशोधन) अधिनियम, 2015 जारी होने के उपरान्त भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 की धारा-56ए के अन्तर्गत मुख्य नियंत्रक राजस्व प्राधिकारी की शक्तियां स्टाम्प अपील की सुनवाई हेतु उपायुक्त स्टाम्प में निहित हो गयी हैं। अधिसूचना संख्या-क0-नि0-5/11-2008-500(05)/91टी0सी0-1, दिनांक 08 दिसम्बर, 2008 द्वारा मुख्य नियंत्रक राजस्व प्राधिकारी न्यायिक सदस्य राजस्व परिषद को 10 रुपए से अधिक, मण्डलायुक्त को 2.50 लाख रुपए से अधिक, किन्तु 10 लाख रुपए से अनधिक, अपर मण्डलायुक्त/उपायुक्त स्टाम्प, सम्बन्धित मण्डल/वृत्त को 2.50 लाख रुपए तक, स्टाम्प शुल्कों के विवादों के मामलों के सुनवाई के अधिकार प्राधिकृत किये गये हैं।
अधिसूचना दिनांक 08 दिसम्बर, 2008 लगभग 08 वर्ष पुरानी हो चुकी है तथा इस अवधि में सम्पत्तियों के मूल्य में अत्यधिक वृद्धि हो गई है। इसके दृष्टिगत यह फैसला लिया गया है।

नजूल भूमि परिवहन विभाग को हस्तान्तरित करने का निर्णय

मंत्रिपरिषद ने बस स्टेशन फैजाबाद, हमीरपुर एवं हरदोई की नजूल भूमि परिवहन विभाग को हस्तान्तरित किए जाने का निर्णय लिया है। उ0प्र0 सड़क परिवहन निगम के संचालित बस स्टेशन फैजाबाद, हमीरपुर एवं हरदोई नजूल भूमि पर स्थित हैं। इस नजूल भूमि को शासनादेश में शिथिलता प्रदान करते हुए कतिपय शर्तों/प्रतिबन्धों के अधीन परिवहन विभाग के पक्ष में निःशुल्क हस्तान्तरित किए जाने का निर्णय लिया गया है।