अलीगढ़: जब गरीब व्यक्ति अदालतों के चक्कर काटते हुए भी न्याय से वंचित हो,गरीब जनता के वोट से बनने वाली सरकारें गरीबों का दर्द महसूस करना छोड़ दें,देश की राजनीति अत्याचारियों और अपराधियों आश्रय साबित हो,तो समाज में अपराध बढ़ने लगता है,यह बातें मौलाना सैयद क़मरुल इस्लाम ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के हबीब हॉल में मुस्लिम स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन द्वारा आयोजित अपराध का अंत कैसे हो विषय पर आयोजित एक दिवसीय जनसभा को संबोधित करते हुये कही.
उन्होंने कहा कि अपराध को खत्म करने का एक ही रास्ता है कि किसी हक़दार को उसके अधिकार से वंचित न किया जाए, गरीबी उन्मूलन के लिए गंभीर प्रयास किए जाएं.धर्म को सहिष्णुता और भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल किया जाय।
इस्लामी हवाले से बातचीत करते हुए उन्होंने युवाओं से अपील की इस माहौल में मुस्लिम युवाओं का कर्तव्य है कि वह खुद अपराध से दूर रहें और दूसरों को भी रोकें। उन्होंने कहा कि किसी का हक़ मारने वाला केवल जिस का हक मारा जाये उसी का दोषी नहीं है बल्कि अल्लाह का भी दोषी है. तो अल्लाह पर यकीन रखने वाले कैसे किसी अपराध को अंजाम दे सकते हैं.
मुख्य अतिथि हज़रत सैयद अमान मियां कादरी ने अपने संबोधन में छात्रों से सूफिया के रास्ते को चुनने के लिए कहा.उन्होंने छात्रों से अपनी जिम्मेदारियों के प्रति गंभीर होने की अपील की।
इस अवसर पर विभिन्न विभाग के छात्रों और जनता ने भाग लिया, शम्स तबरेज़ ने सभी सभी का धन्यवाद दिया,
सभा में एमएसओ अध्यक्ष मौलाना इम्तियाज़ मिस्बाही, मौलाना गुलाम सर्वर, जाहिद अली और अदनान जफर समेत भारी तादाद में लोग शामिल रहे.