नेशनल पेमेंट कारपोरेशन आफ इंडिया(एनपीसीआई), भारत में सभी खुदरा भुगतान प्रणाली के लिए एक अम्ब्रेला संगठन ने भारत बिल पेमेंट सिस्टम (बीबीपीएस) के लिए 26 भारत बिल पेमेंट ऑपरेटिंग इकाइयों के साथ एक पायलट परियोजना शुरू की है. पहले चरण में बीबीपीएस बिजली, पानी, गैस, टेलीफोन और डायरेक्ट-टू-होम (डीटीएच) जैसी रोजाना उपयोग में आने वाली सेवाओं के भुगतान को कवर करेगा.

श्री एपी होता, एमडी और सीईओ, एनपीसीआई ने कहा कि बीबीपीएस आने वाले समय में अपने सभी उपभोक्ताओं को देश के प्रमुख बिलर से जोड देगा जिससे बिल का प्रस्तुतीकरण और भुगतान इलेक्ट्रॉनिक तरीके से आसान हो जाएगा. वर्तमान में बिलों का भुगतान कैश में बडी मात्रा में होता है. यदि इसका 25 फीसदी भी इलेक्ट्रॉनिक रूप से भुगतान हो तो बडा फर्क आएगा.

बीबीपीएस, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा बनाया गया अनिवार्य प्रणाली है जो ग्राहकों को बिल भुगतान सेवाएं प्रदान करता है. यह बिल एकत्रीकरण के कारोबार में बैंकों और गैर-बैंकिंग संस्थाओं को जोड़ता है. यह बिलर्स, भुगतान सेवा प्रदाताओं, खुदरा दुकानों को एक साथ लाता है. आज की तारीख तक, 62 संस्थाओं को आपरेटिंग यूनिट के तौर पर भारतीय रिजर्व बैंक से सैद्धांतिक मंजूरी मिली है. इसमें से 52 बैंकिंग संस्था और 10 गैर बैंकिंग संस्था हैं.

एनपीसीआई, भारत बिल पेमेंट सेंट्रल यूनिट के तौर पर अधिकृत है जो बीबीपीएस के माध्यम से होने वाले लेनदेन से संबंधित गतिविधियों को सेटल करेंगे. भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अधिकृत बीबीपीओयू के बोर्ड पर बिलर्स, एग्रीगेटर्स और पेमेंट गेटवे होंगे. ये एक एजेंट नेटवर्क भी स्थापित करेंगे और स्वयं सेवा, सहायता, इलेक्ट्रॉनिक और मैनुअल मोड सहित विभिन्न वितरण चैनलों के माध्यम से बिल भुगतान को संभालने के लिए ग्राहक टच प्वायंट की स्थापना की जाएगी.