नई दिल्ली। बुलंदशहर हाइवे गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार और आजम खान को नोटिस दिया है। कोर्ट ने तीन हफ्तों के भीतर जवाब मांगा है। दरअसल, आजम खान ने बुलंदशहर हाइवे गैंगरेप पीड़ितों के खिलाफ 'आपत्तिजनक' बयान दिया था। उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान इस घटना को राजनीतिक साजिश करार दिया था।
पीड़ित पक्ष के वकील के मुताबिक पीड़िता ने मांग की है कि आजम खान के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज हो, उन पर उचित कार्रवाई हो। उन्होंने बताया है कि आजम खान ने कई मौकों पर इस घटना को राजनीतिक साजिश बताया था, जिससे पीड़िता आहत हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आजम खान से चार सवालों के जवाब मांगे हैं।

वहीं याचिककर्ता के वकील किसलय पाण्डेय ने बताया कि केस दिल्ली शिफ्ट करने की मांग की गई है। इसके अलावा पुलिसकर्मियों और आजम खान पर कार्रवाई और पीड़ितों के पूर्ण पुनर्वास की भी मांग की गई है।

नोटिस में सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि क्या कोई शख्स जो सार्वजनिक पद पर बैठा हो ऐसे घृणित अपराध पर टिप्पणी कर सकता है जबकि व्यक्तिगत रूप से उसका मामले से संबंध ना हो? क्या सरकार को लोगों को ऐसी टिप्पणी करने देना चाहिए? क्या इस तरह की टिप्पणियां आजादी की अभिव्यक्ति के अंतर्गत आती हैं? क्या इस तरह की टिप्पणियां संवैधानिक संवेदना को परास्त नहीं करती है?
गौरतलब है कि 12 अगस्त को पीड़ित नाबालिग लड़की के पिता ने आजम खान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की थी। घटना 29 जुलाई को तब हुई थी, जब पीड़ित परिवार नोएडा से एक अंत्येष्टि में शामिल होने शाहजहांपुर जा रहा था। इसी दौरान हाईवे पर परिवार के साथ दरिंदगी की गई।