लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:-

उ0प्र0 नगर पालिका वित्तीय संसाधन विकास बोर्ड नियमावली, 2016 मंजूर

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश नगर पालिका वित्तीय संसाधन विकास बोर्ड (प्रक्रिया का विनियमन एवं इसके कृत्यों को निष्पादन) नियमावली, 2016 को मंजूरी प्रदान कर दी है।
उत्तर प्रदेश नगर पालिका वित्तीय संसाधन विकास बोर्ड अधिनियम, 2011 की धारा 4(1) के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश नगर पालिका वित्तीय संसाधन विकास बोर्ड की स्थापना की गई है जो राज्य में सभी नागर निकायों में सम्पत्ति कर का निर्धारण करने के लिए स्वतन्त्र एवं पारदर्शी प्रक्रिया तैयार करने में मदद करता है। इस अधिनियम की धारा-63 के अधीन उत्तर प्रदेश नगर पालिका वित्तीय संसाधन विकास बोर्ड (प्रक्रिया का विनियमन एवं इसके कृत्यों का निष्पादन) नियमावली, 2016 प्रस्तावित की गई है। यह नियमावली सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में लागू होगी।
इस नियमावली में बोर्ड के सचिव की नियुक्ति व हटाने, अध्यक्ष एवं सदस्य की सेवा शर्तंे, वेतन और भत्ते, सचिव एवं अन्य कार्मिकों के वेतन और भत्ते, बोर्ड के सचिव की शक्तियां और कर्तव्य, भूमि या भवन के वितरण का प्रकरण, अपराधों के शमन की व्यवस्था, भूमि और भवनों का पूर्ण या आंशिक रूप से मूल्यांकन आदि प्रक्रियाओं को शामिल किया गया है।

बस्ती के ग्राम बनकटी को नगर पंचायत बनाने का फैसला

मंत्रिपरिषद ने जनपद बस्ती के ग्राम बनकटी को नगर पंचायत बनाने का फैसला लिया है। ग्राम बनकटी के नगर पंचायत बन जाने से वहां के निवासियों को बेहतर बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। साथ ही, वहां के निवासियों के जीवन स्तर में भी बदलाव आएगा, इसी को ध्यान में रखकर यह निर्णय लिया गया है।

उ0प्र0 अपार्टमेन्ट विधेयक, 2016 के प्रारूप को मंजूरी

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश अपार्टमेन्ट (निर्माण, स्वामित्व और अनुरक्षण का संवर्धन) (संशोधन) विधेयक, 2016 के प्रारूप को मंजूरी प्रदान कर दी है।
प्रस्तावित संशोधनों में अधिनियम की धारा-3 के तहत गैराज, पार्किंग स्थल, बेसमेन्ट, छत/टैरेस एवं हाॅल के सन्दर्भ में ‘साझा क्षेत्रों और सुविधाओं’, ‘स्वतंत्र क्षेत्रों’ तथा ‘सीमित साझा क्षेत्रों और सुविधाओं की परिभाषाओं में भ्रामक स्थिति उत्पन्न हो रही है, जिसके निराकरण हेतु ‘साझा क्षेत्रों और सुविधाओं’ की परिभाषा में आंशिक संशोधन किया गया है।
‘मल्टीप्लेक्स’ एवं ‘शाॅपिंग माॅल’ को इस अधिनियम के प्राविधानों से मुक्त रखा गया है, परन्तु अधिनियम में इन्हें परिभाषित नहीं किया गया। अतः धारा-3 में ‘मल्टीप्लेक्स’ एवं ‘शाॅपिंग माॅल’ की परिभाषा को शामिल करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा, अपार्टमेन्ट अधिनियम की धारा-4(4) के प्राविधान उत्तर प्रदेश नगर नियोजन और विकास अधिनियम, 1973 की धारा-32 एवं धारा-57 के अधीन लागू क्रमशः कम्पाउण्डिंग बाय-लाॅज तथा बिल्डिंग/क्रय-योग्य एफ0ए0आर0 बाय-लाॅज के प्राविधान विरोधाभासी हैं। अतः अपार्टमेन्ट अधिनियम की धारा-4(4) में व्याप्त विसंगति के निराकरण के लिए इस धारा में संशोधन प्रस्तावित किया गया है।
अपार्टमेन्ट अधिनियम की धारा-4(6), धारा-14(2) एवं धारा-14(5) के प्राविधानों में अपार्टमेन्ट स्वामियों का संघ बनाने तथा साझा क्षेत्रों और सुविधाओं के सम्बन्ध में अपार्टमेन्ट्स के कार्य-कलाप, प्रबन्ध तंत्र प्रोमोटर से संघ को रख-रखाव हेतु अन्तरित करने सम्बन्धी प्राविधानों में परस्पर विरोधाभास है, जिसके निराकरण के साथ-साथ साझा क्षेत्रों और सुविधाओं का प्रोमोटर द्वारा अपार्टमेन्ट स्वामियों के संघ को अन्तरण करने के लिए ‘टाईमलाईन्स’ का निर्धारण किया गया है।
अपार्टमेन्ट अधिनियम की धारा-7 में अपार्टमेन्ट्स के हस्तान्तरण और अन्तरण हेतु अन्तरण शुल्क की धनराशि विक्रय मूल्य की न्यूनतम 01 प्रतिशत एवं अधिकतम 02 प्रतिशत निर्धारित की गई है, परन्तु सहकारी आवास समितियों/संघों द्वारा अपने विवेकाधिकार का उपयोग करते हुए प्रायः अधिकतम अर्थात् 02 प्रतिशत धनराशि ही वसूल किए जाने की प्रवृत्ति है। इस प्राविधान को निष्पक्ष एवं पारदर्शी बनाने के लिए अन्तरण शुल्क की धनराशि विक्रय मूल्य का अधिकतम 01 प्रतिशत रखे जाने के लिए धारा-7 में संशोधन प्रस्तावित किया गया है।
अपार्टमेन्ट अधिनियम के लागू होने से पहले निर्मित भवनों के सम्बन्ध में ‘प्रोमोटर’ द्वारा धारा-12(1) के अधीन सक्षम प्राधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किए जाने वाले घोषणा-पत्र के सम्बन्ध में स्थिति स्पष्ट नहीं है। इसलिए इस अधिनियम के प्रारम्भ होने के पहले निर्मित भवनों के सम्बन्ध में घोषणा-पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य न होने तथा प्रोमोटर द्वारा केवल एक बार अन्तिम रूप से घोषणा का प्रकटन करने के लिए धारा-12(1) में संशोधन किया गया है।
अपार्टमेन्ट स्वामियों का संघ बनाने के पहले प्रोमोटर द्वारा आवंटियों से अनुरक्षण बन्धक के रूप में धनराशि वसूल की जाती है, जिस पर ब्याज देय नहीं होता है। संघ बनने के उपरान्त यह धनराशि संघ को अन्तरित करने के लिए अधिनियम में व्यवस्था नहीं है। इसीलिए संघ बनने के उपरान्त साझा क्षेत्रों और सुविधाओं का हस्तान्तरण करने के समय प्रोमोटर द्वारा अनुरक्षण बन्धक के रूप में आवंटियों से वसूल की गई धनराशि को संघ को अन्तरित किए जाने के लिए धारा-14(5) में भी संशोधन किया गया है।

जवाहर भवन और इन्दिरा भवन परिसर में मल्टीलेवल पार्किंग के निर्माण को मंजूरी

मंत्रिपरिषद ने लखनऊ स्थित जवाहर भवन तथा इंदिरा भवन परिसर में मल्टीलेविल पार्किंग के निर्माण को मंजूरी प्रदान कर दी है। साथ ही, निर्माण योजना में शामिल उच्च विशिष्टियों तथा लागत अन्तर 83 लाख 80 हजार रुपये को भी अनुमोदित कर दिया है।
योजना के तहत, जवाहर भवन व इंदिरा भवन परिसर में वाहनों की पार्किंग की समस्या के निदान के लिए 246 चार पहिया वाहन को खड़ा करने के लिए 2 अधोतल, भू-तल चार मंजिला मल्टीलेविल पार्किंग का निर्माण कराया जाना है। उ0प्र0 राजकीय निर्माण निगम को इसके लिए कार्यदायी संस्था नामित किया गया है।
राजकीय बटलर पैलेस काॅलोनी में श्रेणी-5 के द्वितीय बहुमंजिला भवन बनाये जाने को मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने लखनऊ स्थित राजकीय बटलर पैलेस काॅलोनी में श्रेणी-5 के 48 आवासों का द्वितीय बहुमंजिला भवन बनाये जाने की योजना तथा योजना में शामिल उच्च विशिष्टियों व लागत अन्तर 75 लाख 28 हजार रुपये को मंजूरी प्रदान कर दी है।
इस योजना के तहत, राजकीय बटलर पैलेस काॅलोनी में जीर्ण-शीर्ण आवासों को ध्वस्त करके इसके स्थान पर जी$12 के एक टावर के तहत श्रेणी-5 के 48 आवासों का द्वितीय बहुमंजिला भवन बनाये जाने की योजना है। योजना में माॅड्युलर किचन, ग्रेनाइट स्टोन, लैमिनेटेड वुडेन फ्लोरिन्ग जैसी उच्च विशिष्टियों का कार्य शामिल किया गया है।

राजकीय रज़ा स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रामपुर को क्रीड़ा स्थल हेतु निःशुल्क भूखण्ड देने का प्रस्ताव मंजूर

मंत्रिपरिषद ने जनपद रामपुर के राजकीय रज़ा स्नातकोत्तर महाविद्यालय के सम्मुख सड़क के दूसरी ओर स्थित भू-खण्ड, जिसका क्षेत्रफल 0.387 हे0 है, को इस महाविद्यालय को क्रीड़ास्थल हेतु निःशुल्क हस्तान्तरित किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
खतौनी नाॅन ज़ेड ए के अनुसार यह भूमि प्रान्तीय सरकार प्रबन्धन जिलाधिकारी, रामपुर के अन्तर्गत है तथा इस भूमि पर किसी अन्य विभाग का स्वामित्व अंकित नहीं है। ज्ञातव्य है कि राजकीय रज़ा स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रामपुर में लगभग 6500 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं, किन्तु महाविद्यालय के पास क्रीड़ास्थल उपलब्ध नहीं है।

उ0प्र0 आमोद और पणकर निरीक्षक सेवा नियमावली, 2016 अनुमोदित

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश आमोद और पणकर निरीक्षक सेवा (द्वितीय संशोधन) नियमावली, 2016 को अनुमोदित कर दिया है।

कैफी आज़मी अकादमी में कला केन्द्र के निर्माण में प्रस्तावित उच्च विशिष्टियों को मंजूरी

मंत्रिपरिषद ने आॅल इण्डिया कैफी आज़मी अकादमी, गुरुद्वारा रोड, पेपर मिल काॅलोनी, निशातगंज, लखनऊ में कला केन्द्र के निर्माण में प्रस्तावित उच्च विशिष्टियों फाॅल सीलिंग, स्ट्रक्चरल ग्लेजिंग, ग्रेनाइट, वुड ब्लाॅक फ्लोरिन्ग, वाॅल पेनलिंग, टफेन ग्लास के प्राविधान के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।

स्टेट वेयरहाउसिंग कारपोरेशन स्टाफ विनियमावली, 1961 में संशोधन को मंजूरी

मंत्रिपरिषद ने उ0प्र0 स्टेट वेयरहाउसिंग कारपोरेशन स्टाफ विनियमावली, 1961 में संशोधन को मंजूरी प्रदान कर दी है।
निगम की वर्तमान कुल स्वीकृत स्टाफ स्ट्रेन्थ 2,140 वर्ष 1994 में स्वीकृत की गयी थी। निगम के कार्य व्यवसाय में लगभग तीन गुना से अधिक की वृद्धि हुई है, जिसके दृष्टिगत निगम में विभिन्न श्रेणी के 514 पदों की वृद्धि एवं विभिन्न श्रेणी के कुल 5 पदों में कमी करते हुए स्टाफ स्ट्रेन्थ 2,649 किया गया है।

आगरा से लखनऊ एक्सप्रेस-वे परियोजना के क्रियान्वयन हेतु निर्गत शासनादेश में संशोधन को मंजूरी

मंत्रिपरिषद ने आगरा से लखनऊ प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेस-वे (ग्रीन फील्ड) परियोजना के क्रियान्वयन हेतु निर्गत शासनादेश संख्या- 1988/77-3-12-2यूपीडा/12, दिनांक 30 दिसम्बर, 2013 में विद्यमान प्राविधानों में संशोधन को मंजूरी प्रदान कर दी है।
संशोधन के अनुसार एक्सप्रेस-वे के उपयोग हेतु प्राधिकरण अथवा उनके द्वारा प्राधिकृत एजेन्सी द्वारा टोल चार्ज लिया जाएगा, जिसका निर्धारण उ0प्र0 एक्सप्रेस-वे (लेवी आॅफ टोल्स एण्ड फिक्सिंग आॅफ फीस एण्ड रियलाइजेशन देयर आॅफ) रूल्स 2010 के अनुसार एवं समय-समय पर इस हेतु किये जाने वाले संशोधन के अनुसार होगा। यदि सन्दर्भगत परियोजना के वित्त पोषण हेतु यूपीडा द्वारा किसी अन्य स्रोत से ऋण लिया जाता है तो एकत्रित टोल से सर्वप्रथम लिये गये ऋण का पुनर्भुगतान किया जाएगा। तत्पश्चात शेष धनराशि का उपयोग यूपीडा शासन की अनुमति से, शासन द्वारा पूर्व अनुमोदित वित्तीय देयता के भुगतान हेतु कर सकेगा। प्रतिबन्ध यह होगा कि किसी प्रकार के ऋण अनुबन्ध अथवा अन्य शर्ताें का उल्लंघन न हो।
वित्तीय संसाधनों से सम्बन्धित देयताओं के भुगतान के पश्चात टोल चार्ज से एकत्रित धनराशि यदि वित्तीय वर्ष के बीच में शेष बचती है तो, यूपीडा द्वारा इस हेतु निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार वित्त विभाग की सहमति से खोले जाने वाले एक अलग बचत खाते में यह धनराशि जमा की जाएगी और उस पर अधिकतम ब्याज अर्जित किया जाएगा तथा वर्ष के अन्त में ब्याज की धनराशि सहित राजकोष में जमा कर दी जाएगी।
आगरा से लखनऊ प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेस-वे (ग्रीन फील्ड) परियोजना राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता में सम्मिलित है, अतएव राज्य सरकार द्वारा इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेण्ट एण्ड कंस्ट्रक्शन (ई0पी0सी0) माॅडल के तहत बनवाने हेतु परियोजना के लिए आवश्यक धनराशि का प्राविधान, राज्य सरकार के बजट तथा आंशिक रूप से यूपीडा द्वारा राज्य सरकार के अनुमोदन से, अन्य बाह्य स्रोतों से किये जाने पर भी विचार किया जाये।
परियोजना को ई0पी0सी0 पद्धति पर विकसित किये जाने के परिणामस्वरूप परियोजना के स्वामित्व एवं क्रियान्वयन हेतु उ0प्र0 एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) को नोडल एजेन्सी इस शर्त के साथ नामित किया जाता है कि यूपीडा द्वारा इस परियोजना के तहत जो परिसम्पत्तियां सृजित की जा रही हैं, उनका स्वामित्व यूपीडा के पास रहेगा किन्तु यूपीडा इस परिसम्पत्ति के सापेक्ष जब भी कोई ऋण लेगी या अन्य किसी प्रकार से वित्तीय स्रोत का अर्जन करेगी या किसी अन्य वित्तीय उद्देश्य हेतु इसे बंधक रखेगी या इसके किसी अन्य प्रकार के निस्तारण का निर्णय लेगी तो शासन की अनुमति अवश्य ली जाएगी।