सेंट लूसिया: भारत और वेस्टइंडीज के बीच 4 मैचों की टेस्ट सीरीज का तीसरा टेस्ट सेंट लूसिया में खेला जा रहा है. भारत की पहली पारी में बनाए 353 रनों के जवाब में खेलने उतरी कैरेबियाई टीम ने सधी हुई शुरुआत की और दिन का खेल खत्म होने तक टीम ने एक विकेट के नुकसान पर 107 रन बना लिए हैं.
वेस्टइंडीज की तरफ से ब्रेथवेट (नाबाद 53 रन) और ब्रैवो (नाबाद 18 रन) पिच पर जमे हुए हैं. वहीं टीम का एकमात्र विकेट जॉनसन के रूप में गिरा, जिन्हें 23 रन के निजी स्कोर पर राहुल ने रनआउट कर दिया. कैरेबियाई टीम अब भी 246 रनों से पीछे चल रही है.

इससे पहले भारतीय टीम ने अश्विन और साहा की शतकीय पारियों की बदौलत पहली पारी में 353 रन बनाए. एक वक्त महज 126 रनों पर ही 5 विकेट खो चुकी भारतीय टीम को इन दोनों खिलाड़ियों ने मिलकर मजबूती दी। इन दोनों के बीच 213 की महत्वपूर्ण साझेदारी की बदौलत टीम ने पहली पारी में सम्मानजनक स्कोर खड़ा दिया। इस दौरान अश्विन ने 265 गेंदों में छक्के के साथ अपना शतक पूरा किया, जो उनके करियर का चौथा शतक रहा, जबकि साहा ने अपने करियर का पहला शतक बनाया. अश्विन 117 रन (6 चौके, 1 छक्का) बनाकर आउट हुए, वहीं ऋद्धिमान साहा 227 गेंदों में 104 रन बनाकर पैवेलियन लौटे, जिसमें 13 चौके लगाए. अश्विन ने अपने सभी टेस्ट शतक विंडीज के खिलाफ ही बनाए हैं. साहा और अश्विन के बीच छठे विकेट के लिए 213 रन की साझेदारी हुई.
दूसरे दिन मंगलवार के नाबाद बल्लेबाज रविचंद्रन अश्विन और ऋद्धिमान साहा ने भारतीय पारी को 5 विकेट पर 234 रन से आगे बढ़ाया. अश्विन के साथ ऋद्धिमान साहा ने भी दूसरे छोर से जमकर बल्लेबाजी की और उनका बराबर साथ दिया. साहा ने इस टेस्ट से 13 टेस्ट मैच खेले थे, जिनमें उनके बल्ले ने 454 रन उगले थे. विंडीज के खिलाफ शतक से पहले उनका बेस्ट स्कोर 60 रन था. टेस्ट में उनका औसत 23.89 का है. साहा अगर इसी तरह खेलना जारी रखते हैं, तो एमएस धोनी की कमी पूरी कर सकते हैं. साहा के आउट होने के बाद भारतीय पारी एक फिर लड़खड़ा गई और सातवां और आठवां विकेट 2 रन के अंतराल पर ही गिर गया, जबकि नौवां विकेट 353 के स्कोर पर गिरा.
मंगलवार यानी पहले दिन एक समय भारत के 4 विकेट 100 रन के भीतर गिर गए थे. कप्तान विराट कोहली (3), शिखर धवन (3) और केएल राहुल (50) पैवेलियन लौट चुके थे. ऐसे में अजिंक्य रहाणे का साथ देने के लिए कप्तान कोहली ने अश्विन को भेज दिया. अश्विन ने रहाणे के साथ 35 रन की साझेदारी की और फिर साहा के साथ भी मोर्चा संभाले रखा और टीम को काफी हद तक संकट से बचा लिया.