लखनऊ : राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने अपने आन्दोलन की घोषणा के क्रम में दूसरे दिन की महाहड़ताल से अफसरों के हाथ पाॅव तो फूल ही रहे है। कर्मचरियों के आक्रोष ने सरकार को सोचने पर मजबूर कर दिया है। राजधानी में जहाॅ लगभग शतप्रतिशत विभागों में कामकाज लगभग ठप्प रहा। जनपदों से शतप्रतिशत सफलता की खबर मिली है। महाहड़ताल के दूसरे दिन तक सरकार को 18 सौ करोड़ की राजस्व हानि हुई है। महाहड़ताल के दूसरे दिन उद्यान विभाग के मुख्यालय पर शतप्रतिशत तालाबंदी के दौरान मौजूद राजधानी की सबसे बड़ी सभा को सम्बोधित करते हुए राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष ने सरकार को ललकारते हुए कहा कि हमारी तीन दिन की महाहड़ताल केवल संकेत है अगर सरकार ने हमें मजबूर किया तो हम अनिश्चित कालीन महाहड़ताल पर जा सकते है। उन्होने यह भी कहा कि उन्हें अधिकारी कर्मचारी महापरिषद सहित कई अन्य संगठनों का लिखित समर्थन मिल चुका है।
राज्य संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने महाहड़ताल पर अपनी प्रतिक्रया देेते हुए मीडिया को बताया कि इन दो दिनो की महाहड़ताल में रजिस्ट्री से 400, वाणिज्यकर से 800, आबकारी से 200,आरटीओ से 300, राजस्व (मंनोरंजन कर, बचत, खनन, रायल्टी, बैंक, स्टाम्प ) से 200 करोड़ की राजस्व हानि सरकार को होने का पूर्ण अनुमान है। परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि दो दिनों में महाहड़ताल के चलते 300 करोड़ का भुगतान नही हुआ और 426328 मस्टर रोल फीड नही हो पाए है। जिसके कारण लगभग 8 करोड़ की मनरेगा मजदूरों की मजदूरी का भुगतान नही हो पाया है। हमारे पास अब तक आई खबर में जनपदों में पहले दिन की महाहड़ताल शतप्रतिशत सफल रही है। उन्होंने बताया कि आज लखनऊ के भ्रमण के दौरान हमारी महाहड़ताल 100 प्रतिशत तक सफल रही है। उन्होंने बताया कि राजधानी में आज बड़ी सभा उद्यान मुख्यालय में की गई जिसे अध्यक्ष सहित वरिष्ठ नेताओं ने सम्बाधित किया। परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि हमने सांकेतिक रूप से स्वास्थ्य सेवाओं में सिर्फ तीन घन्टे का कार्यबहिष्कार किया है। 12 को इमरजेंसी छोड़कर सभी सेवाएं पूर्णतः बंद रहेगी।