श्रीनगर: आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से घाटी में पैदा हुए तनाव के बीच रविवार को मेडिकल का कॉमन एंट्रेस टेस्ट हो रहा है। इसमें शामिल होने के लिए सूबे के कई हिस्सों से भारी तादाद में छात्र इकट्ठा हुए हैं। सरकार ने इन छात्रों की सुरक्षा के पुख़्ता इंतज़ाम किए हैं।
इस मौके पर जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा है कि 'छात्रों की सुरक्षा के लिए सरकार पूरी तरह तैयार है। यही बच्चे जम्मू कश्मीर की बुनियाद हैं, इनके भविष्य के साथ हम किसी को खिलवाड़ करने नहीं देंगे। जो बच्चा पढ़ना चाहता है, आप उसको कैसे रोक सकते हैं। हमने पूरे इंतजाम किए हैं कि यह बच्चे हिफाज़त से परीक्षा देने आएं और हिफाज़त से घर पहुंच जाएं। नौजवान ही हमारा भविष्य हैं।'
मुफ्ती ने आगे यह भी कहा कि 'सरकार की कोशिश है कि बच्चे तकलीफ न भोगें। हमारी कोशिश रहती है कि हालात ठीक हो जाएं, दूसरों की कोशिश रहती है कि हालात ठीक न हो पाएं। भारत-पाक के बीच जंग हुई लेकिन हासिल कुछ नहीं हुआ। जमीन के टुकड़े को जब आप जंग से नहीं बदल सकते तो अब हड़ताल और पथराव से क्या हासिल होगा।'
अपने पिता मुफ्ती मोहम्मद को याद करते हुए महबूबा ने कहा कि 'मुफ्ती साहब का जो सिद्धांत था कि ग्रेनेड से ना गोली से, बात बनेगी बोली से, मुझे लगता है कि अब मुफ्ती साहब के इस सिद्धांत के अलावा अब कोई चारा नहीं है।' मुफ्ती ने यह भी कहा कि 'यहां सुरक्षाबल भी आए लेकिन सभी मसलों का हल अभी नहीं निकल पाया। जैसे कि मुफ्ती साहब कहा करते थे कि मसला ज़हन में हैं, इसे यहीं पर संबोधित करना पड़ेगा।'