लखनऊ: बसपा कार्यकर्ताओं और मायावती समर्थकों द्वारा पूर्व बीजेपी नेता दयाशंकर के और उनके परिवार के खिलाफ सार्वजनिक विरोध-प्रदर्शनों के दौरान प्रयोग किये निंदनीय अपशब्दों पर दर्ज शिकायत की जांच NHRC ने शुरू कर दी है । गौरतलब है कि वरिष्ठ समाजसेविका उर्वशी शर्मा द्वारा इस मामले में बसपा नेताओं और
कार्यकर्ताओं के खिलाफ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी ।
उर्वशी ने बताया कि उन्होंने बीते 22 जुलाई को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष को एक पत्र भेजकर बीते 21 जुलाई को राजधानी लखनऊ स्थित हजरतगंज चौराहे के पास बहुजन समाज पार्टी के धरने प्रदर्शन में लखनऊ पुलिस और प्रशासन के जिम्मेदार कार्मिकों की उपस्थिति में पूर्व बी.जे.पी. नेता दया शंकर सिंह के परिवार की महिलाओं की शालीनता को भंग करने वाले अपशब्दों और दया शंकर सिंह के मानवाधिकारों का हनन करने वाले बैनर-पोस्टर और शब्दों के सार्वजनिक प्रयोग करने के मामले की जांच आयोग के स्तर से कराने का अनुरोध किया था. उर्वशी ने बताया कि उन्होंने अपने पत्र के साथ धरने के कार्यक्रम की वीडियो क्लिप्स भी आयोग को भेजीं थीं l

गौरतलब है कि उर्वशी ने बीते दिनों सूबे के पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद और ए.डी.जी. – कानून व्यवस्था दलजीत चौधरी को पत्र लिखकर महिला के विरुद्ध अपराधों के आरोपी बीएसपी नेताओं नसीमुद्दीन सिद्दीकी आदि के खिलाफ पॉस्को एक्ट लगाकर गिरफ्तारी की कार्यवाही तत्काल आरम्भ कराने और लखनऊ पुलिस द्वारा दया शंकर सिंह और बीएसपी नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी आदि की गिरफ्तारी के मामले में दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए बीएसपी नेताओं के खिलाफ लिखी एफआईआर की जांच कर रहे पुलिस कार्मिकों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराकर विधिक कार्यवाही कराने की मांग भी की थी.