नई दिल्ली। मंदसौर में गोमांस रखने के शक में दो मुस्लिम महिलाओं की पिटाई पर गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने अजीबोगरीब बयान दिया है। मंत्री ने इस पूरे मामले में जांच की बात करते हुए कहा कि यह छोटी धक्कामुक्की हो सकती है। ऐसी घटना एक स्वाभाविक जनाक्रोश था, इंटेशनली नहीं किया गया। हालांकि उन्होंने बयान के साथ में यह भी कहा कि लोगों को कानून हाथ में नहीं लेना चाहिए।
वहीं, मध्य प्रदेश के मंदसौर में बीफ के शक में अल्पसंख्यक समुदाय की दो महिलाओं की पिटाई का मामला आज संसद में भी गूंजा। राज्यसभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि गौरक्षा की आड़ में किसी खास धर्म को निशाना बना सही नहीं है। वहीं खबर ये भी कि जिन महिलाओं की पिटाई की गई, उन महिलाएं के पास गोमांस था ही नहीं। मामला सामने आने के बाद अब पुलिस अपने बचाव में ये कह रही है कि उनके पास न तो पिटाई की सूचना है और ना ही महिलाओं ने पिटाई की शिकायत की है।
संसद में संसद में भी यह मामला गूंजा। राज्यसभा में गुलाम नबी आजाद ने कहा, हम गौरक्षा के खिलाफ नहीं है। हम कहते हैं कि गौरक्षा होनी चाहिए लेकिन गौरक्षा की आड़ में दलितों और मुसलमानों को निशाने पर लिया जाए, ये हमें मंजूर नहीं।
गौरतलब है कि मंदसौर स्टेशन पर दो मुस्लिम महिलाओं की कथित हिंदू संगठन के कार्यकर्ता ने पिटाई कर दी थी। इन महिलाओं की पिटाई उनके पास गोमांस होने के शक में की गई थी। बाद में पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया। इन महिलाओं के पास 30 किलो मांस था, जिसके बारे में कहा गया कि ये गोमांस है, लेकिन अब जांच में पाया गया कि ये गोमांस नही था।
पुलिस ने इन महिलाओं को पीटने वालों के खिलाफ अब तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है, जिसके बाद पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं। महिलाओं की पिटाई का आरोप हिंदू दल के कार्यकर्ताओं पर लगा है। ये मामला मंगलवार का है। महिलाओं की पिटाई पुलिस की मौजूदगी में हुई, बाद में पुलिस ने इन महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया।
आरोप है कि दो महिलाएं एक झोले में करीब 30 किलो मांस लेकर डेमो ट्रेन से मंदसौर स्टेश पर उतरी ही थीं वहीं हिंदू दल के कार्यकर्ताओं ने इन्हें घेर लिया और महिला कार्यकर्ताओं ने इनकी पिटाई शुरू कर दी। पीड़ित महिलाओं में से एक के हाथ में पहले से ही प्लास्टर चढ़ा था, इसके बावजूद उसकी पिटाई की गई।