लखनऊ। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने बसपा अध्यक्ष मायावती के लिए महिला-विरोधी व अपमानजनक टिप्पणी करने वाले भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह के बयान की कड़ी भर्त्सना करते हुए उनके खिलाफ सरकार से दंडात्मक कार्रवाई करने और जेल भेजने की मांग की है।
भाकपा (माले) के राज्य सचिव रामजी राय ने आज कहा कि लोकतंत्र में राजनीतिक विरोध लाजिमी है, पर उसकी एक मर्यादा होनी चाहिए, खासकर बात जब एक महिला के संदर्भ में कही जा रही हो। उन्होंने कहा कि उक्त भाजपा नेता ने एक पार्टी की नेता व दलित महिला के लिए सार्वजनिक रुप से जिन शब्दों का प्रयोग किया, वह जातिसूचक और कामुकता का भाव प्रदर्शित करने वाला है। यह भाजपा और संघ की ‘ज्ञान-शील-एकता’ की असल ‘अभिव्यक्ति’ है।
माले राज्य सचिव ने कहा कि गुजरात से लेकर उत्तर प्रदेश तक, भाजपा-संघ परिवार के लोग दलितों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों के खिलाफ लगातार भड़काऊ बयानबाजी और कार्रवाइयां कर रहे हैं। विदेश राज्य मंत्री जनरल बी के सिंह की दलितों के लिए प्रयोग की गई उपमा अभी भूली नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा दयाशंकर सिंह को प्रदेश उपाघ्यक्ष पद से भले ही हटा दे, पर यह पर्याप्त नहीं है। बल्कि ऐसे लोगों को राजनीति और सार्वजनिक जीवन के बजाय जेल में होना चाहिए।
ज्ञातव्य है कि उक्त भाजपा नेता ने कल मऊ में एक प्रेस कान्फ्रेंस में मायावती के लिए ‘वेश्या से भी बदतर चरित्र’ शब्दों का प्रयोग किया था।