लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में समाजवादी हथकरघा बुनकर पेंशन योजना को मंजूरी प्रदान करते हुए इसके लिए प्रस्तुत नियमावली को भी अनुमोदित कर दिया गया है। इसके तहत प्रति बुनकर 500 रुपए प्रति माह की दर से पेंशन देय होगी। प्रथम वर्ष में पेंशन हेतु 30 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। योजना के आगामी वर्षों में लाभार्थी बुनकरों की संख्या के आधार पर बजट का प्राविधान कराया जाएगा। आवश्यकतानुसार धनराशि की मांग शासन से की जाएगी और स्वीकृत कराई जाएगी। उसके बाद धनराशि कोषागार से आहरित कर लाभार्थी बुनकरों के खातों में आर0टी0जी0एस0 के माध्यम से भेजी जाएगी।
हथकरघा उद्योग प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसके अलावा कलात्मक, पारम्परिक वस्तु उत्पादन करने में इस उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका है। इससे जुड़े बुनकरों को अन्य व्यवसाय की ओर पलायन से रोकने एवं सुरक्षा प्रदान करने हेतु समाजवादी हथकरघा बुनकर पेंशन योजना शुरू की जा रही है। यह योजना सम्पूर्ण प्रदेश के समस्त हथकरघा बुनकर परिवारों के लिए संचालित की जा रही है, जो हथकरघा क्षेत्र के उत्पादन में निरन्तर अपना योगदान देते आ रहे हैं।
इसके तहत एक परिवार से एक हथकरघा बुनकर को, जो 60 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका हो, पेंशन योजना का लाभ प्राप्त होगा। पेंशन की धनराशि एक वर्ष में दो बार जून एवं जनवरी में लाभार्थी के बैंक खाते में आर0टी0जी0एस0 के माध्यम से अंतरित की जाएगी। पात्रता की विभिन्न शर्तों के साथ शारीरिक तथा दृष्टि विकलांग हथकरघा बुनकर होने की स्थिति में न्यूनतम आयु सीमा में 10 वर्ष की छूट प्रदान की जाएगी, जिसके लिए मुख्य चिकित्साधिकारी का प्रमाण-पत्र देय होगा। लाभार्थियों के चयन के लिए वरीयता क्रम में उन बुनकरों को प्राथमिकता दी जाएगी, जो हथकरघा पुरस्कार योजना से पुरस्कृत हो चुके हैं। इसके अलावा सोसाइटी के सदस्य रहे एवं अधिक आयु वाले बुनकरों को प्राथमिकता दी जाएगी। पेंशन योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदन की प्रक्रिया निर्धारित की गई है, जो परिक्षेत्रीय कार्यालयों में प्रस्तुत की जा सकेगी। लाभार्थियों के चयन की भी प्रक्रिया निर्धारित कर दी गई है।
मण्डलायुक्त अथवा उनके द्वारा नामित अधिकारी, जो अपर आयुक्त के स्तर से नीचे का न हो, की अध्यक्षता में परिक्षेत्र स्तरीय चयन कमेटी का गठन किया जाएगा, जिससे मण्डलीय संयुक्त आयुक्त उद्योग, उप निदेशक, समाज कल्याण विभाग एवं महिला एवं बाल कल्याण विभाग सदस्य तथा परिक्षेत्र सहायक आयुक्त हथकरघा सदस्य सचिव होंगे। यह समिति परिक्षेत्र सहायक आयुक्त हथकरघा कार्यालय द्वारा प्रस्तुत पात्र व्यक्तियों की वरीयता सूची का परीक्षण कर अनुमोदन प्रदान करेगा। इसके साथ ही पात्र आवेदकों की संख्या के आधार पर आवश्यक बजट की मांग का निर्णय राज्य स्तरीय कमेटी को प्रेषित करेगा। इसी प्रकार आयुक्त एवं निदेशक हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग की अध्यक्षता में एक राज्य स्तरीय कमेटी का गठन किया जाएगा, जिसमें वित्त नियंत्रक हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग तथा संयुक्त आयुक्त हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग सदस्य नामित किए गए है, जबकि योजना अधिकारी हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग सदस्य सचिव होंगे। इस कमेटी द्वारा अनुमोदित लाभार्थियों की सूची निदेशालय स्तरीय कमेटी के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। इसके साथ ही पात्र लाभार्थियों की संख्या के सापेक्ष परिक्षेत्रों को बुनकरों के खाते में सीधे भेजने हेतु बजट आवंटित करने का अनुमोदन भी प्रदान करने का अधिकार दिया गया है।
ज्ञातव्य है कि हथकरघा उद्योग कृषि क्षेत्र के बाद प्रदेश का सर्वाधिक रोजगार उपलब्ध कराने वाला विकेन्द्रित कुटीर उद्योग है। प्रदेश में लगभग ढाई लाख हथकरघा बुनकर एवं 80 हजार हथकरघे हैं। इस योजना से अनुत्पादक शेष जीवन काल में हथकरघा बुनकर बदहाली का जीवन जीने की विवशता से बचाए जा सकेंगे।