सैयद आलम शाज़ली

हिन्दुस्तान हमेशा से ही उसकी गांगी जमुनी तहज़ीब की वजह से पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है| हिन्दुस्तान मे इस्लाम को फैलाने में ख्वाजा गरीब नवाज़ का अहम रोल हैं , जिन्होंने इस्लाम को तलवार से नहीं बल्कि प्यार, मोहब्बत , अपने अच्छे किरदार से फैलाया है | आज भी ख्वाजा को मानने वालों की तादाद काम नहीं है, लाखों की तादाद में , हिन्दू , मुसलमान, सिख , ईसाई सारे उनके दर पर जाते है और उनकी मुरादें पूरी होती है | इस्लाम ने हमेशा अमन, प्यार , भाईचारगी का सबक दिया है और आज भी हमारी गनगी जमुनी तहज़ीब बाकी है | मगर ना जाने किसकी नज़र लग गई है जिसे हमारा भाईचारा कहतम हो रहा है |
कहने को तो मुसलमान उस देश में रहता है जहाँ उसे अपने अधिकारों को प्रयोग करने की सारी आज़ादी है , धर्मनिरपेक्ष भारत और समान अधिकार जैसे सविधान के नियमों में यकीन रखता है, सवाल यह है की क्या हमारा भारत यक़ीना मुसलमानों को उनके अधिकार समान रूप से मिल रहा है अगर हाँ तो फिर मुसलमानों के बेक़ुसूर होने पर भी उन्हें जेल में क्यूँ रखा जा रहा है इंडियन एक्सप्रेस के सर्वे के हिसाब से भारत के १४ प्रतिशत मुसलमानों में से भी उनकी २१ प्रतिशत लोग जेल में है, हरियाणा में ७प्रतिशत मुसलमानों की आबादी होने के बावजूद वहाँ का १०प्रतिशत मुसलमान जैल में है| बेक़ुसूरों पर ज़ुल्म क्यूँ? २५-३० साल में जेल काटने के बाद सरकार बताती है की वो बेकोसूर है , आख़िर इसका क्या मक़सद है? एक सीधा साधा मुसलमान गाओं से पढ़ने शाहर आता है और उसको आतंकवादी बनाकर जेल में ढून्स दिया जाता है जबकि उसका उस धमाके से कोई लेना देना नही , ३० साल बाद पता चलता है वो बेक़ुसूर था जबकि उसकी आधी उमर गुज़र गई, अब वो क्या करेगा ज़िंदगी में, पढ़ने की उमर जेल में बिताई और कमाने की उम्र में उसपे आतंकवादी का धब्बा लगा है कोई नौकरी भी नही देता| लेकिन बी.जे.पी. की सरकार जब से केंद्र में आई है उसने मुसलमानों का जीना हराम कर दिया है| उत्तर प्रदेश, गुजरात, असम, कश्मीर ऐसे कई राज्य हैं जो बी.जे.पी. की हिंदुत्व सोंच के कारण मुसलमानों को खाए जा रहे है|
एक तरफ बी.जे.पी सबका साथ सबका विकास की बात करती है तो दूसरी तरफ जलता हुआ कश्मीर, उत्तर प्रदेश का मुज़फ़्फ़र नगर, अख़लाक़ का परिवार| समझ से परे है हिन्दुस्तान और यहाँ की राजनीति|
आर. एस. एस. के सिद्धांत पर चलने वाली बी.जे. पी. सरकार अपने आप को उसके बगैर तुक्ष समझती है | मेरा कहना गलत न होगा की सत्ता में आने के लिए बी. जे. पी के पास मुस्लिम्फोबिया , राममंदिर , हिन्दू मुस्लिम के अल्वा कोई मुद्दा भी नहीं है |
जितना मुसलमान से बी.जे.पी को नफरत है उससे कहीं ज़्यादा उसे मुसलमानों की ज़रुरत भी | आर. एस.एस. चाहे जितना कहती रहे हिंदुत्व भारत मगर वह भी मुसलमानों की हिन्दुस्तान में ज़रुरत महसूस करता है , सच्चाई यह है की बड़े ओहदों में बैठे नेता यह सारे मुद्दे उठा कर अपनी झोलों भरते है और मरते है गरीब हिन्दू और मुसलमान |
आखिर खून इंसानियत का होता है , किसी न किसी मान की झोलों खाली होती है , चाहे वह हिन्दू हो या मुसलमान , डैम घुट कर मरना पड़ता है माँ को , एक परिवार को , एक बहन को एक बाप को | मेरा सुझाव यह है की किसी पे नेता के बहकावे में न कर हम अपने विवेक से काम लें और राजनीती के गंदे भवर में न फसकर अपनी गंगा जमुनी तहज़ीब और भाईचारे को कायम रखें |