नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने राज्यसभा में आज केंद्र सरकार पर दलितों पर अत्याचार का आरोप लगाया। इस पर उनकी केंद्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू के साथ तीखी बहस हुई। मायावती ने गुजरात के उना कस्बे में गौ संरक्षण कार्यकर्ताओं द्वारा चार दलित युवकों की सार्वजनिक पिटाई का मुद्दा उठाया, जिस पर सदन में हंगामा हुआ और सदन की कार्यवाही कुछ देर के लिए बाधित हुई। मायावती ने राज्यसभा में कहा कि जबसे बीजेपी सत्ता में आई है, देश में दलितों के खिलाफ अत्याचार के मामले बढ़े हैं। कई घटनाएं घटी हैं और यह दलितों के प्रति इस पार्टी की संकीर्ण व जातीय मानसिकता को दर्शाता है।
नायडू ने इस पर तत्काल आपत्ति जताते हुए कहा कि आप पार्टी का नाम नहीं ले सकती हैं। आप मुद्दा उठा सकती हैं। यही चलन है। लेकिन, मायावती ने नाम लेने से कोई गुरेज नहीं किया, जिससे नायडू नाराज हो गए। मायावती के बोलने के दौरान मंत्री उनका जवाब दे रहे थे, लेकिन उनकी आवाज नहीं सुनाई पड़ी। मायावती ने कहा कि जब दलित युवक एक मृत जानवर की चमड़ी उतार रहे थे, तब कुछ असामाजिक तत्वों ने उन्हें पकड़ लिया। उन्हें अर्धनग्न कर रॉड व डंडे से पीटा गया।
गुजरात घटना पर राज्यसभा में वेंकैया नायडू से भिड़ीं मायावती, हुई तीखी नोकझोंक बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने राज्यसभा में आज केंद्र सरकार पर दलितों पर अत्याचार का आरोप लगाया। इस पर उनकी केंद्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू के साथ तीखी बहस हुई।
बसपा नेता ने कहा कि प्रशासन ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की और पुलिस मूकदर्शक बनी रही। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए गुजरात सरकार को निर्देश देने के लिए कहा। इसके तुरंत बाद राज्यसभा के सभापति एम. हामिद अंसारी ने प्रश्नकाल शुरू करना चाहा, लेकिन बसपा सदस्य उनकी आसंदी के चारों ओर खड़े हो गए और सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगे।