लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक नेे आज अम्बेडकर ट्रस्ट आफ इण्डिया के चतुर्थ वार्षिक अधिवेशन में मुख्य अतिथि के रूप में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। बाबा साहब अम्बेडकर एक दृष्टि से पूरे समाज के गुरू जैसे हैं। उन्होंने पढ़ो, सीखो और संघर्ष करो का संदेश दिया। बाबा साहब कोे पूरा देश संविधान निर्माता के रूप में देखता है। उन्होंने अपनी सोच को अच्छे ढंग से संविधान में प्रारूप के रूप में प्रस्तुत किया तथा देश के निर्माण एवं सहभागिता के लिए सभी को मतदान का अधिकार दिया। राज्यपाल ने कहा कि सबसे बडे़ जनतांत्रिक देश के रूप में समाज सदैव बाबा साहब का ऋणी रहेगा।
अम्बेडकर ट्रस्ट आफ इण्डिया के चतुर्थ अधिवेशन में राज्यपाल ने सर्वप्रथम दीप प्रज्जवलित करके अधिवेशन का उद्घाटन किया तथा भगवान बुद्ध एवं बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अपना सम्मान प्रकट किया। इस अवसर पर अम्बेडकर ट्रस्ट आफ इण्डिया के अध्यक्ष श्री जे0राम, उपाध्यक्ष श्रीमती शर्मिला शंकर, प्रो0 कालीचरण स्नेही सहित ट्रस्ट के अन्य पदाधिकारीगण व सहयोगी उपस्थित थे। राज्यपाल ने कार्यक्रम में 10 व्यक्तियों को ट्रस्टी प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया।
श्री नाईक ने कहा कि डाॅ0 अम्बेडकर ने कभी अपने स्वाभिमान से समझौता नहीं किया। अपने असंतोष को भी प्रकट करने के लिए डाॅ0 अम्बेडकर ने सदैव शांति का मार्ग अपनाया। महात्मा गांधी के कहने पर प्रधानमंत्री पं0 नेहरू ने कांग्रेस के बाहर से डाॅ0 अम्बेडकर एवं डाॅ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी को मंत्रिमण्डल में मंत्री बनाया। वैचारिक दृष्टि से बाबा साहब के विचार कांग्रेस से मेल नहीं खाते थे और बाद में उन्होंने बड़ी सहजता से अपना त्याग पत्र दे दिया। उन्होंने कहा कि डाॅ0 अम्बेडकर ने अपने व्यवहार से शांतिपूर्ण ढंग से समाज को जागरूक करने का काम किया।
राज्यपाल ने मेधावी छात्रों को आर्थिक मदद देने के लिए ट्रस्ट की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि निर्धन मेधावी छात्रों को अच्छी शिक्षा देने के लिए समाज आगे आये। मेधावी छात्रों की शिक्षा के लिए आर्थिक मदद करना सार्थक प्रयास है। दान से किसको लाभ मिलता है यह दानदाता को भी नहीं मालूम होता। उन्होंने विश्वास जताया कि जिन छात्रों को आर्थिक सहयोग दिया गया है वे उसका सदुपयोग करेंगे और आगे चलकर समाज को यह कर्ज वापस करेंगे।