नई दिल्ली: देश के करीब 47 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और करीब 53 लाख पेंशनधारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों और सरकार द्वारा किए गए बदलावों को बाद बढ़ी हुई सैलरी का इंतजार है। इंटरनेट पर पिछले कुछ दिनों में सातवां वेतन आयोग, उसकी रिपोर्ट, वेतनमान आदि पर खूब सर्च हुआ। 29 जून के मोदी कैबिनेट के रिपोर्ट को कुछ संशोधनों के साथ स्वीकारने के फैसले के बाद से लोगों में इसको लेकर उत्सुकता बढ़ गई है।
केंद्रीय कर्मचारियों को सरकार की ओर से अभी तक कोई ऐसा संकेत नहीं मिला है कि इस रिपोर्ट में लागू की गई तनख्वाह कब तक लोगों के खाते में पहुंचेगी। सरकारी कर्मचारियों को अपने एरियर का भी बेसब्री से इंतजार है। एरियर के बारे में सरकार पहले ही साफ कर चुके है कि इसी वित्तीय वर्ष में लोगों का एरियर का भुगतान कर दिया जाएगा।
वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू करने का रास्ता इतना आसान नहीं है। कई कर्मचारी संगठन वेतन आयोग की न्यूनतम वेतनमान की सिफारिशों से नाराज थे और सरकार को अनिश्चितकालीन हड़ताल की धमकी दे चुके हैं। सरकार से इस विषय को लेकर लिखित आश्वासन के बाद कर्मचारी संगठनों से हड़ताल पर जाने के निर्णय को चार महीने के लिए टाल दिया। सरकार ने मुद्दे के समाधान के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन कर दिया है। कर्मचारी संगठनों की मांग है कि न्यूनतम वेतनमान 18000 रुपये से बढ़ाकर 26000 कर दिया जाए। वहीं, सरकारी सूत्रों का कहना है कि सरकार न्यूनतम वेतनमान को 22-23000 रुपये तक बढ़ा सकती है।
इन सब कवायद के बीच सूत्रों का कहना है कि सरकार इस रिपोर्ट के विवादित पहलुओं को छोड़कर बाकी सभी संस्तुतियों को धरातल पर लाने के लिए जल्द नोटिफिकेशन जारी कर सकती है। सूत्र बता रहे हैं कि यह नोटिफिकेशन इसी हफ्ते या अगले हफ्ते जारी किया जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि अगर किसी प्रकार की समस्या नहीं आई तो अगस्त माह से ही बढ़ा हुआ वेतनमान केंद्रीय कर्मचारियों के खाते में भेजा जा सकता है। यानी अगस्त माह की अंतिम तारीख या कहें सितंबर माह की पहली तारीख को बढ़ा हुआ वेतन कर्मचारियों के खाते में चला जाएगा।