नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने निचली अदालत के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमें आपराधिक मानहानि के मामले में अरविंद केजरीवाल को दिल्ली पुलिस के खिलाफ उनकी कथित ‘ठुल्ला’ टिप्पणी के लिए समन किया जाना था। उनके खिलाफ एक हवलदार ने शिकायत दर्ज करवाई थी। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने उनसे ‘ठुल्ला’ शब्द का मतलब भी बताने को कहा है।
निचली अदालत ने प्रथमदृष्टया केजरीवाल को दोषी पाया था और उन्हें 14 जुलाई को पेश होने के लिए समन भेजा था। केजरीवाल ने समन पर रोक लगाने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी जिस पर न्यायाधीश मुक्ता गुप्ता ने उन्हें राहत देते 21 अगस्त तक पेशी से छूट दे दी है।
अदालत ने कहा, याचिकाकर्ता (केजरीवाल) को अगली तारीख 21 अगस्त तक निचली अदालत में पेश होने से छूट दी जाती है। अदालत ने आगे कहा, लेकिन आपको (केजरीवाल) आपके द्वारा कथित तौर पर इस्तेमाल किए गए उस शब्द का मतलब बताकर अदालत को संतुष्ट करना होगा। इसके लिए तैयार रहिएगा। केजरीवाल ने जिस हिंदी शब्द का इस्तेमाल किया था वह डिक्शनरी में मौजूद नहीं है।
जज ने कहा, आपने शब्द का इस्तेमाल किया है इसलिए आप उसका मतलब भी जानते होंगे। मैंने तो यह शब्द कहीं भी नहीं देखा। अदालत ने शिकायतकर्ता हवलदार अजय कुमार तनेजा को भी नोटिस जारी किया है और दिल्ली के मुख्यमंत्री की याचिका पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी है।
अदालत का आदेश और टिप्पणी उस याचिका की सुनवाई के वक्त आए हैं जिसमें केजरीवाल ने निचली अदालत के उस आदेश पर रोक लगाने और आदेश को रद्द करने की मांग की थी जिसमें उन्हें मामले के आरोपी के तौर पर समन किया जाना था।