झारखंड सरकार ने आज भारत की आर्थिक राजधानी, मुंबई में झारखंड निवेश प्रोत्साहन बोर्ड (जेआईपीबी) की उद्घाटन बैठक आयोजित की। प्रदेश के मुख्यमंत्री ही इस बोर्ड के अध्यक्ष हैं, ऐसे में बोर्ड ने सरकार द्वारा नामित इंडस्ट्री के कम-से-कम दस प्रतिनिधियों को शामिल करने का फैसला किया है – और इसमें खाद्य प्रसंस्करण, ऊर्जा आॅटोमोबाइल्स, आईटी-आईटीईएस, पर्यटन, बुनियादी ढांचा विकास, स्वास्थ्य सेवा एवं शिक्षा जैसे प्राथमिक क्षेत्रों पर ध्यान दिया जायेगा।
झारखंड के माननीय मुख्यमंत्री, रघुबर दास, जो कि उद्योग विभाग के प्रभारी भी हंै, ने अपने शुरूआती उद्बोधन में कहा, ‘‘जबकि हमें डीआईपीपी के व्यावसायिक सुधारों एवं अपेक्षाओं को हासिल करने की सफलता की बेहद खुशी और उत्साह है, हम साफ-साफ और सीधे तरीके से इन प्रणालियों पर विचार रखने के लिए इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों को बुलाते हैं, ताकि हम पूरी तरह से अनियमितताओं को दूर कर सकें और उन्हें अधिक प्रतिक्रियात्मक, विशाल एवं दीर्घकालिक बना सकें। हमारा उद्देश्य प्रणाली अनुपालन एजेंडा को सर्वश्रेष्ठ बनाना है और हम झारखंड में सबसे आशाजनक निवेश प्रस्तावों को लाने का प्रयास करेेंगे! प्रदेश की प्रगति एवं इसके विकास में निवेशक हमारे सहयोगी हैं, मुझे विश्वास है कि अवधारणों के स्तर पर उपयुक्त स्वरूप ले लेने के पश्चात यह सार्थक होगा।’’
इस अवसर पर, वेदांता रिसाॅर्सेज के ग्रुप सीईओ, श्री टाॅम अल्बानीज ने राज्य की अपनी स्वयं की तकनीकी क्षमताओं पर जोर देने की बात कही, ताकि शोध एवं विकास में विवेकपूर्ण निवेश के जरिए आगे बढ़ा जा सके। उन्होंने कहा कि नये निवेशकों को रिझाने के लिए प्रदेश को वैश्विक खनन सम्मेलनों में अतिसक्रियतापूर्वक हिस्सा लेना चाहिए।’’
अदाणी समूह के प्रबंध निदेशक, राजेश अदाणी ने प्रदेश की सकारात्मक ब्रांडिंग की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसे मुख्यमंत्री के निर्णायक नेतृत्व द्वारा ऐसी अभूतपूर्व स्थिति में लाया गया है।