नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में बीजेपी का अंदरुनी कलह सामने आ गया है। शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल में गुरुवार को फेरबदल होना था और कई मंत्रियों से इस्तीफा देने के लिए कहा गया था लेकिन बीजेपी के दिग्गज नेता और राज्य सरकार में मंत्री बाबूलाल गौर ने इस्तीफा देने से मना कर दिया था और उन्होंने शिवराज सिंह चौहान को उन्हें बर्खास्त करने तक की चुनौती दे डाली थी। बाद, पार्टी के नेताओं द्वारा समझाए जाने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। एक अन्‍य उम्रदराज मंत्री सरताज सिंह ने भी इस्‍तीफा दे दिया है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज ने गुरुवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर नौ नए चेहरों को शामिल किया है। बता दें कि बीजेपी ने साफ कर दिया है कि पार्टी की जहां भी सरकारें हैं वहां पर 75 वर्ष से ज्यादा के किसी भी व्यक्ति को मंत्री पद पर नहीं रखा जाएगा। जानकारी के अनुसार सरताज सिंह, बाबूलाल गौर और कुसुम महदेले की उम्र 75 वर्ष से अधिक है। बीजेपी ने अपने सभी मंत्री जिनकी उम्र 75 से ज्यादा है, को इस्तीफा देने के लिए कहा था। पार्टी हाईकमान का इस्तीफा देने का फरमान लेकर पहुंचे पार्टी के प्रदेश प्रभारी डॉ विनय सहस्रबुद्धे और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान को खरी-खरी सुनना पड़ी। सरताज सिंह ने नेताओं से कह दिया कि पार्टी हाईकामन को भी उनका यह संदेश पहुंचा दें कि चुनाव में जीत उम्र नहीं, काम दिलाता है।
सरताज ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि उनसे हाईकमान के संदेश के आधार पर इस्तीफा देने को कहा गया। इस पर उन्होंने दोनों नेताओं से साफ कह दिया कि पार्टी हाईकमान का आदेश सर्वोपरि है, मगर उनकी बात को भी हाई कमान तक पहुंचा दें। उन्होंने दोनों नेताओं से कहा कि चुनाव उम्र नहीं जिताती, बल्कि नेता की सक्रियता और कार्यप्रणाली दिलाती है।बताया जा रहा है कि मंत्री बाबूलाल गौर को इस्तीफा देने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया था। उन्होंने पार्टी को उन्हें बर्खास्त करने की चुनौती तक दे डाली थी। वहीं पार्टी नेताओं के समझाने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। सरताज सिंह ने भी इस्तीफा दे दिया है लेकिन पार्टी ने कुसुम महदेले के इस्तीफे पर ज्यादा जोर नहीं दिया। कहा जा रहा है कि इसके पीछे जातिगत समीकरण हैं।
गौरतलब है कि यही फॉर्मूला केंद्र में भी लागू किया जा सकता है और ऐसे में नजमा हैपतुल्ला का मंत्री पद जा सकता है। वहीं, बीजेपी उत्तर प्रदेश के ब्राह्मण नेता कलराज मिश्र को फिलहाल मंत्री पद से हटाने के मूड में नहीं है क्योंकि राज्य में अगले साल चुनाव हैं और मिश्र वहां की राजनीति में काफी दमखम रखते हैं।