नई दिल्ली: वित्तमंत्री अरुण जेटली को निशाना बनाने वाले बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी को 'चुप रहने' की सलाह दी गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक स्वामी को व्यक्तिगत रूप से नसीहत दी गई है कि वह चुप रहें लेकिन इसके साथ ही सोमवार को जेटली की पीएम से मुलाकात का स्वामी से किसी तरह का लेना देना नहीं बताया जा रहा है। गौरतलब है कि स्वामी को अप्रैल के महीने में राज्यसभा के लिए भाजपा द्वारा नामांकित किया गया था और बताया जाता है कि अतीत में स्वामी ने वित्तमंत्री पद के लिए खुद को उचित बताया था।
हाल ही में आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन द्वारा दूसरे कार्यकाल में अपनी सेवा नहीं दिए जाने के फैसले को भी स्वामी ने अपनी उपलब्धि करार दिया था। स्वामी ने पीएम को लिखी चिट्ठी में दावा किया था कि राजन का ग्रीन कार्ड दिखाता है कि वह मानसिक रूप से पूरी तरह भारतीय नहीं हैं और ब्याज दर कम नहीं करने के उनके फैसले से उन्होंने 'जानबूझकर' अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है।
बीजेपी के कुछ नेता अब स्वामी पर पर अंकुश लगाने की मांग कर रहे हैं क्योंकि इससे सरकार की छवि को नुकसान पहुंच रहा है और काम पर भी असर पड़ रहा है। सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्री अरुण जेटली भी नाराज़ हैं और उनकी नाराज़गी का कारण है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने इस विवाद में उनके पक्ष में बयान नहीं दिया। स्वामी ने कुछ दिन पहले केंद्र सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन पर निशाना साधा था। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा था कि विदेश दौरे पर मंत्रियों को टाई सूट नहीं पहनना चाहिए। कोट और टाई में वे वेटर लगते हैं। इस दौरान वित्त मंत्री अरुण जेटली ही विदेश दौरे पर थे। बाद में स्वामी ने कहा था कि वह जेटली के बारे में बात नहीं कर रहे थे।