नई दिल्ली: भारत आज मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम यानी MTCR का 35वां सदस्य बन गया। इस समूह में शामिल होना भारत के लिए एक बड़ी कामयाबी है। इस ग्रुप का सदस्य बनने के बाद अब भारत दूसरे देशों के साथ हाई-एंड मिसाइल तकनीक को साझा कर सकेगा।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, भारत आज सुबह एमटीसीआर में शामिल हो गया..इस समूह के 35वें सदस्य के रूप में भारत का प्रवेश अंतरराष्ट्रीय अप्रसार के लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में परस्पर लाभकारी होगा।’’ बयान में कहा गया, ‘‘भारत अपनी सदस्यता का समर्थन करने वाले एमटीसीआर के 34 सदस्यों में से प्रत्येक का शुक्रिया अदा करना चाहेगा। हम एमटीसीआर के सहअध्यक्षों- नीदरलैंड के राजदूत पीटर डी क्लेर्क और लग्जमबर्ग के रॉबर्ट स्टीनमेट्ज का भी शुक्रिया अदा करना चाहेंगे।’’ आगे बयान में कहा गया है कि पेरिस में एमटीसीआर के ‘प्वाइंट ऑफ कॉन्टैक्ट’ ने इस समूह में भारत को शामिल किए जाने से जुड़े निर्णय की जानकारी नयी दिल्ली स्थित फ्रांसीसी दूतावास, नीदरलैंड और लग्जमबर्ग के दूतावासों के माध्यम से पहुंचाई।
भारत की यह सदस्यता इस लिहाज से भी अहम है कि NSG में एंट्री को लेकर रोड़े अटकाने वाला चीन MTCR का सदस्य नहीं है और भारत ने उससे पहले ही इस समूह में अपनी जगह पक्की कर ली है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि विदेश सचिव एस जयशंकर आज फ्रांस, नीदरलैंड और लक्ज़मबर्ग के राजदूतों की मौजूदगी में MTCR की सदस्यता पर साइन करेंगे।
MTCR में भारत की सदस्यता को लेकर इटली विरोध कर रहा था। इटली के विरोध की मुख्य वजह उसके दो नौसैनिकों पर भारत में चल रहा हत्या का मुकदमा था लेकिन नौसैनिकों के इटली लौटने के फैसले के बाद इटली का सुर भी नरम हुआ और भारत की राह आसान हो गई।