पेनाल्टी शूट आउट में अर्जेंटीना को हराया

ईस्ट रुदरफोर्ड: कोपा अमेरिका के फाइनल में टक्कर 14 बार की चैंपियन अर्जेन्टीना और मौजूदा चैंपियन चिली के बीच थी। नज़रें मौजूदा दौर के स्टार फुटबॉलर लायनल मेसी पर थीं कि क्या वह अर्जेंटीना के 23 साल के इंतज़ार को खत्म करेंगे। क्या वह इस फ़ाइनल में अपनी टीम को जीत दिलवा कर 'महान' होने के तमगे पर मुहर लगवाएंगे। पहले मिनट से ही अर्जेन्टीना ने अपना आक्रामक रवैया साफ़ कर दिया था। 21वें मिनट में हिगुएन के पास एक शानदार मौका था अर्जेंटीना को बढ़त दिलाने का लेकिन वह उसका फ़ायदा नहीं उठा सके। 16वें मिनट में मेसी पर किए फ़ाउल के बाद दोबारा 28वें मिनट में मार्सेलो डियाज़ ने फिर गलती की और उन्हें रेड कार्ड मिला।
स्कोर भले ही 0-0 से आगे ना बढ़ रहा हो लेकिन मैच में ड्रामा और रोमांच की कोई कमी नहीं थी। मेसी को चिली पेनाल्टी बॉक्स के अंदर कूदने पर बुक किया गया और उन्हें पीला कार्ड मिला। 43वें मिनट में अर्जेन्टीना के मार्कोस रोजो को विडाल के साथ गलत टैकल के चलते रेड कार्ड मिला और एक बार फिर मैच बराबरी पर आया। दोनों टीम 10 खिलाड़ियों के साथ मैदान पर थी। 80वें मिनट में चिली ने अर्जेन्टीना की रक्षापंक्ति से भिड़ते हुए मैच का पहला शॉट टार्गेट पर मारा। फ़ाइनल सीटी बजने तक दोनो टीमें कोई गोल नहीं कर सकीं और मैच एक्स्ट्रा टाइम में गया। एक्स्ट्रा टाइम में चिली ने 98वें मिनट में एक मौका गंवा दिया और हेडर सीधा कीपर के हाथ में गया।
99वें मिनट में अर्जेन्टीना के पास जीत का सुनहरा मौका था लेकिन एक बार फिर सामने चिली के गोलकीपर ब्रावो थे जिन्होंने शानदार सेव कर एक बार फिर अर्जेन्टीना को जीत से दूर रखा।आखिरकार मैच पेनल्टी शूटआउट में गया जहां चिली के विडाल का शॉट पहली पेनाल्टी में रोमेरो ने शानदार तरह से बचाया तो मेसी ने बढ़त का सुनहरा मौका गंवा दिया और गोलपोस्ट के उपर से गेंद निकल गई। उसके बाद की तीन पेनाल्टी में चिली ने जहां 3 स्कोर किए तो अर्जेन्टीना ने 2 और फिर चिली को लगातार दूसरी जीत दिलवाने के लिए फ़्रांचिस्को सिल्वा ने 5वें शूटआउट में गोल किया और चिली चैंपियन बना।
चिली ने लगातार दूसरी बार कोपा अमेरिका का खिताब जीता। चिली ने यह कारनामा पहली बार किया जब वह लगातार दो बार कोपा चैंपियन बना हो। अर्जेन्टीना की टीम 23 साल बाद जीत के सपने को हक़ीकत में नहीं बदल सकी। मेसी एक बार फिर अपनी टीम को जीत नहीं दिला सके, अर्जेन्टीना लगातार तीसरी बार बड़े टूर्नामेंट के फ़ाइनल में हारा।