लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने माफिया सरगना मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल (कौएद) के समाजवादी पार्टी (सपा) में विलय के मुद्दे पर आज पहली बार खुले लहजे में कहा कि वह ऐसे लोगों को दल में नहीं चाहते और मुख्तार उनकी पार्टी में नहीं रहेंगे।
अखिलेश ने एक न्यूज़ चैनल के कार्यक्रम में मुख्तार की पार्टी को सपा में शामिल किये जाने संबंधी सवाल पर काफी कुरेदने के बाद कहा, ‘मैंने फैसला किया कि हम ऐसे लोगों को नहीं चाहते।’ कौएद को सपा में शामिल करने के फैसले के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा ‘यह फैसला मैंने नहीं लिया था। मुझे प्रदेश अध्यक्ष की हैसियत से मुख्यमंत्री की हैसियत से जिस प्लेटफॉर्म पर कहना होगा, मैं कहूंगा। मैंने कह दिया ना कि मुख्तार नहीं होंगे हमारी पार्टी में।’ हालांकि इससे पहले मुख्तार अंसारी के बारे में किए गए सवाल को अखिलेश ने कई बार टाला और वे बार-बार दूसरे मुद्दों पर बात करने लगे।
मालूम हो कि हत्या समेत कई जघन्य मामलों में अर्से से जेल में बंद माफिया सरगना मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल की अगुवाई वाले कौएद का गत मंगलवार को सपा में विलय कर दिया गया था। मुख्यमंत्री अखिलेश इस कदम से खासे नाराज बताये जाते हैं। हालांकि गुरुवार को उन्होंने कहा था कि इस मुद्दे को लेकर कहीं कोई नाराजगी नहीं है।