लखनऊः शास्त्रीय पद्धति से योग करना बीमारी को रोकने का रामबाण उपाय है। स्वस्थ मन के लिए योग महत्वपूर्ण है। भारत में योग की हजारों वर्षों की परम्परा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व को बता दिया कि योग का महत्व क्या है जिसके फलस्वरूप संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया है। विश्व के 170 देश योग को एक पद्धति के रूप में आत्मसात कर इसका लाभ ले रहे हैं। भारत की देन योग को समझने में दुनिया को 5 हजार साल लगे।
यह विचार आज प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक नेेे लखनऊ स्थित संत आसूदाराम आश्रम में योग पर आधारित एक कार्यक्रम में व्यक्त किये। इस अवसर पर संत बाबा साई जी, मनकामेश्वर मंदिर की महंत देव्या गिरी, कैंट की विधायक श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी, श्री जगदीश गांधी संस्थापक सिटी मान्टेसरी स्कूल लखनऊ, नवाब मीर अब्दुल्ला जाफर सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे। कार्यक्रम में कर्नल एस0वी0 सिंह द्वारा एक सूक्ष्म योग प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया तथा सी0एम0एस0 के बच्चों ने योग पर आधारित नृत्य प्रस्तुति दी।
राज्यपाल ने कहा कि स्वस्थ रहने में योग और सूर्य नमस्कार का महत्वपूर्ण योगदान है। योग से स्वास्थ्य लाभ के साथ-साथ नया उत्साह और प्रेरणा मिलती है। स्वयं स्वस्थ रहने वाला व्यक्ति ही दूसरे के लिए कुछ कर सकता है। योग क्रिया से मनुष्य न केवल रोग से मुक्ति पाता है बल्कि रोगमुक्त भी रहता है। राज्यपाल ने बताया कि वे बचपन से सूर्य नमस्कार करते रहे हैं। 22 वर्ष पूर्व उन्हें कैंसर हुआ था मगर सूर्य नमस्कार के कारण उन्होंने रोग पर विजय पायी। उन्होंने कहा कि योग स्वास्थ्य की ‘मास्टर की‘ है।
श्री नाईक ने सिंधी समाज की प्रशंसा करते हुए कहा कि देश की प्रगति में सिंधी समाज का सराहनीय योगदान है। देश की आजादी के बाद दुर्भाग्य से देश का बंटवारा हुआ जिसमें सिंधी बंधु अपना घर-बार छोड़कर भारत आये और देश के विकास में सहयोगी बने। उन्होंने कहा कि सिंधी समाज की विशेषता है कि वे जहाँ जाते हैं वही की हो जाते हैं।
संत बाबा सांई जी ने कार्यक्रम में अपने वचनों से श्रद्धालुगणों को आशीर्वाद प्रदान किया। इससे पूर्व राज्यपाल ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को अधिक से अधिक भागीदारी कर सफल बनाने हेतु अपील भी की।