काहिरा: मिस्र की सत्ता से बेदखल किए गए इस्लामवादी राष्ट्रपति मोहम्मद मोरसी को सरकारी खुफिया जानकारी कतर को देने के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। अदालत ने उसी मामले में मुस्लिम ब्रदरहुड के छह सदस्यों की मृत्युदंड की सजा बरकरार रखी और दो अन्य को उम्रकैद (जेल में 25 साल) सुनाई।
उसी मामले में मोरसी को जेल की 15 साल की अतिरिक्त सजा दी गई, जिससे उनकी सजा बढ़कर 40 साल हो गई। पिछले महीने अदालत ने आदेश दिया था कि मोरसी सहित छह प्रतिवादियों के मामले से जुड़ा दस्तावेज बड़े इमाम को भेजा जाएगा। मिस्र के कानून के तहत वह मृत्युदंड के सभी मामलों की समीक्षा कर सकते हैं। हालांकि उनका फैसला बाध्यकारी नहीं है।
छह प्रतिवादियों में जेल में बंद डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता अहमद अब्दो अली अफीफी, रस्द न्यूज नेटवर्क (आरएनएन) में संवाददाता अस्मा अल खतीब (अनुपस्थिति में सजा), अलजजीरा में जोर्डन के न्यूज प्रोड्यूशर अल उमर मोहम्मद (अनुपस्थिति में सजा) और अलजजीरा में समाचार संपादक इब्राहिम मोहम्मद हिलाल (अनुपस्थिति में सजा) हैं।
फैसला अंतिम नहीं है और इसके खिलाफ अपील की जा सकती है। मोरसी और अन्य प्रतिवादियों पर गोपनीय दस्तावेज कतर को लीक करने और उन्हें अलजजीरा चैनल को बेचने का आरोप है। गोपनीय दस्तावेज में कथित तौर पर सामान्य और सैन्य खुफिया, सैन्य बलों, आयुध भंडार और देश की गोपनीय नीति पर सूचनाएं थी।