लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने कैराना कूच के नाम पर भाजपा की निर्भय यात्रा और सपा की सद्भावना यात्रा को मिलीभगत करार दिया है। उन्होंने कहा कि इनका मकसद विधानसभा चुनाव से पहले साम्प्रदायिक दंगे कराकर चुनावी लाभ लेना है।
मायावती ने बयान जारी कहा कि ऐसे गंभीर व संवेदनशील मामलों में सपा सरकार को सख्ती से पेश आना चाहिए। साथ ही ऐसे गैरकानूनी कार्य करने वालों के खिलाफ रासुका जैसे सख्त कानून के तहत कार्रवाई करनी चाहिए, वरना प्रदेश एक बार फिर दंगे की आग में जल उठेगा। जिसकी ज़िम्मेदारी सपा सरकार की होगी। उन्होंने कहा कि सपा ऐसे तत्वों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। यह चकित करने वाला है।
बसपा अध्यक्ष ने गोरखपुर में एक सपा नेता की थाने में पिटाई के मामले में एसएसपी अनन्त देव के निलंबन को अनुचित कदम बताते हुए कहा कि सपा सरकार पूरे तौर पर जंगलराज से घिरी है। ऐसा लगता है कि केन्द्र की भाजपा सरकार की तरह ही सपा सरकार भी गलत, जातिवादी व पक्षपाती मानसिकता से काम करते हुए उन सभी अधिकारियों को दंडित कर रही है जो कानून के अनुसार निष्पक्षता से काम करने का थोड़ा भी साहस कर रहे हैं।
गुजरात के इशरत जहां मुठभेड़ मामले में कुछ फाइलों के गायब होने से संबंधित गृह मंत्रालय की ‘जांच’ के बारे में मायावती ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट से स्पष्ट हो जाता है कि केन्द्र सरकार संवेदनशील मामलों में भी सही नीयत से काम नहीं कर रही है।