नई दिल्ली: सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ का एनजीओ अब विदेशी चंदा नहीं ले सकेगा। दरअसल केंद्र सरकार ने सीतलवाड़ के एनजीओ 'सबरंग' का एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिया है।
इससे पहले पिछले साल गृह मंत्रालय ने सबरंग ट्रस्ट को नोटिस जारी कर उससे विदेशी फंडिंग का विवरण मांगा था और उसका लाइसेंस संस्पेंड कर दिया था। मंत्रालय के अधिकारियों ने पिछले अप्रैल में तीस्ता के संगठन के दफ्तरों में जाकर उनके रिकॉर्ड और खातों की जांच की थी, जिसके इसके बाद ये नोटिस जारी किए गए हैं।
तीस्ता के एनजीओ पर आरोप है कि फोर्ड फाउंडेशन से मिलने वाले फंड का इस्तेमाल उन्होंने सांम्प्रदायिकता के खिलाफ काम कर रहे पत्रकरों के लिए लॉबिंग करने में लगाया। नोटिस के मुताबिक, संगठन ने चंदे में मिली राशि का 80 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा कानूनी सहायता पर खर्च किए गए।
तीस्ता गुजरात में नरेंद्र मोदी की पूर्ववर्ती सरकार की बड़ी आलोचक रही हैं और वह 2002 में हुए गुजरात दंगों से जुड़े मामले उठाती रही हैं।