नई दिल्ली: कुछ अतिवादी नेताओं द्वारा मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ बयान, बढ़ती सांप्रदायिकता और फासीवाद के खिलाफ गुरुवार को नई दिल्ली में विभिन्न मुस्लिम और गैर मुस्लिम संगठनों ने जबरदस्त विरोध किया।
दिल्ली के जंतर मंतर पर होने वाले इस प्रदर्शन में शरीक लोगों ने कुछ अतिवादी और फासीवादी मानसिकता रखने वाले कट्टरपंथी हिंदू नेताओं के भड़काऊ बयानों की निंदा करते हुए सरकार से मांग की कि वह ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे|
प्रदर्शन में शरीक लोगों ने साध्वी प्राची के इस बयान की कड़े शब्दों में निंदा की जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत को मुसलमानों से मुक्त देश बनाने का समय आ गया है| प्रदर्शनकारियों ने जोर देकर कहा कि भारत विभिन्न धर्मों के मानने वालों का देश है जहां संविधान ने सबको बराबरी का अधिकार दिया है इसलिए समाज और समाज में नफरत पैदा करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए|
कुछ वक्ताओं ने केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से ऐसे बयानों का नोटिस न लिए जाने पर भी कड़ी आलोचना की| जंतर प्रदर्शन का आयोजन करने वाली इमाम परिषद के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना मोहम्मद हनीफ अहरार ने कहा कि देश में फासीवाद और सांप्रदायिकता को जानबूझकर हवा दी जा रही है जो देश के संविधान के खिलाफ है और सरकार को चाहिए कि ऐसे कदम और बयानों का सख्ती से नोटिस ले।