लड़ाई मुझसे है, बदला लेना है तो मुझसे लीजिए

नई दिल्‍ली : दिल्‍ली में संसदीय सचिव को लेकर उठे सियासी विवाद पर मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर अपना पक्ष रखा। इस दौरान उन्‍होंने कहा कि 'साल 1953 से दिल्‍ली में कई-कई संसदीय सचिव बनते रहे हैं, लेकिन तब कोई सवाल नहीं उठाए गए। अब हमारी पार्टी द्वारा बनाए गए संसदीय सचिवों पर सवाल क्यों उठाए जा रहे हैं?' केजरीवाल ने इस विवाद के लिए सीधे-सीधे पीएम नरेंद्र मोदी पर सवाल उठाया और कहा कि 'मोदी जी! आपकी लड़ाई मुझसे है, बदला लेना है तो मुझसे लीजिए, लेकिन दिल्‍ली की जनता को परेशान मत कीजिए।'
केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए केजरीवाल ने कहा कि भाजपा संसदीय सचिव बनाए तो संवैधानिक और हमने संसदीय सचिव बनाए तो असंवैधानिक। 100 चूहे खाकर बिल्ली चली हज करने। केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से कहा कि मैं मोदी जी से हाथ जोड़कर विनम्र निवेदन करता हूं कि वे दिल्ली की जनता को बेवजह परेशान न करें। केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार 21 विधायकों की सदस्यता रद्द करना चाहता है। जो संसदीय सचिव बनाए गए हैं, वही सारा काम कर रहे। यही दिल्ली सरकार की आंख-नाक-कान हैं।
केजरीवाल ने कांग्रेस पर भी हमला किया। अजय माकन पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि अजय माकन भी संसदीय सचिव थे। इतिहास का जिक्र करते हुए केजरीवाल ने कहा कि 1952 में भी तीन संसदीय सचिव थे।
दिल्ली सरकार की तारीफ करते हुए केजरी ने कहा कि इन्हीं 21 संसदीय सचिवों के बलबूते दिल्ली की सरकार चल रही है। पूरी दुनिया में हमारे काम की चर्चा हो रही है। देश में सबसे अच्छा काम हमारी सरकार कर रही है। केजरीवाल ने यह भी कहा कि संसदीय सचिवों को हम कोई सुविधा नहीं दे रहे हैं।