अहमदाबाद: ज्यादातर सब्जियों में टमाटर का कम-ज्यादा उपयोग होता ही है, लेकिन गुजरात में अभी कुछ दिन से टमाटर का इस्तेमाल करने में लोग काफी किफायत बरतने लगे हैं। इसकी वजह है कि गुजरात में पूरे देश के मुकाबले टमाटर के दाम सबसे ज्यादा बढ़े हैं। यहां गृहणियां सब्जियों में खटाई के लिए अमचूर या दही डालकर काम चला रही हैं। हालांकि इससे सब्जियों में वो मजा नहीं आता – न दिखने में न ही स्वाद में।
वैसे तो टमाटर पूरे देश में महंगे हो गए हैं, लेकिन गुजरात में इसकी कीमतें पिछले एक महीने में दोगुनी से ज्यादा बढ़ी हैं। राज्य में टमाटर के भाव 30 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 80 रुपये प्रति किलो हो गए हैं। जानकारों का कहना है कि दो महीने पहले तक टमाटर के दाम बिल्कुल ही कम थे, इसलिए कई किसानों ने टमाटर की खेती नहीं की। अहमदाबाद की मंडी में जून में आम तौर पर महाराष्ट्र से टमाटर आते थे, जो बिल्कुल ही नहीं आ रहे, इसलिए आपूर्ति भी काफी कम हुई है।
अहमदाबाद एपीएमसी के डायरेक्टर मुकेश मोदी कहते हैं कि पिछले 30 साल में पहली बार है कि उन्हें यूपी से भी टमाटर मंगवाना पड़ रहा है। आम तौर पर महाराष्ट्र के इलाकों और दक्षिण भारत से ही यहां सप्लाई होता रहा है। दूर-दराज से आने की वजह से ट्रांसपोर्टेशन में खराबी भी ज्यादा होती है।
आंकड़ों को देखें तो 14 मई को होलसेल मंडी में करीब 2700 क्विंटल टमाटर रोज आ रहे थे और प्रति क्विंटल दाम 2,000 रुपये थे। एक महीने में ही सप्लाई में करीब 1100 क्विंटल की कमी आ गई है और प्रति क्विंटल भाव 4500 रुपये हो गए हैं। ये होलसेल दाम हैं, खुदरा दाम तो प्रति किलो 80 रुपये तक पहुंच चुके हैं।
कम सप्लाई की एक वजह बारिश में देरी भी है। उम्मीद यही की जा रही है कि अगले एक महीने में बारिश हो तो दाम कुछ कम होंगे। तब तक महंगाई की मार से राहत नहीं मिलेगी।